'देश भर के 201 किसान संगठन 29 और 30 नवंबर को दिल्ली में रैली करेंगे'
By भाषा | Published: November 15, 2018 07:53 PM2018-11-15T19:53:18+5:302018-11-15T19:53:18+5:30
योगेंद्र यादव ने कांग्रेस और भाजपा दोनों को किसान विरोधी करार देते हुए कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं की जबकि भाजपा ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के नाम पर किसानों से धोखा किया है।
स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने आरोप लगाया है कि केंद्र और हरियाणा की सरकारें अब तक की सबसे अधिक किसान विरोधी सरकारें हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को अपना हक लेने के लिए एकजुट होना होगा तथा 29-30 नवंबर को देश भर के 201 किसान संगठन मिलकर दिल्ली में रैली और प्रदर्शन करेंगे।
यादव बृहस्पतिवार को जींद में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जून 2017 में मध्य प्रदेश के मंदसौर में हुए किसान आंदोलन में किसानों पर गोलियां चली थीं। तब इसके विरोध में 100 से ज्यादा किसान संगठन अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले एकजुट हुए थे। इनकी संख्या बढ़कर 201 हो गई है। ये संगठन 29-30 नवंबर को दिल्ली में रैली और प्रदर्शन करेंगे। केंद्र सरकार से मांग की जाएगी कि किसानों के तमाम कृषि ऋण माफ किए जाएं और ऋण मुक्ति आयोग का गठन किया जाए।
योगेंद्र यादव ने कांग्रेस और भाजपा दोनों को किसान विरोधी करार देते हुए कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं की जबकि भाजपा ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के नाम पर किसानों से धोखा किया है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कहती है कि उसने खरीफ फसलों से किसानों को उसकी आय डेढ़ गुणा बढ़ाकर देने का काम किया है जबकि यह सरासर गलत है। सच्चाई यह है कि मोदी सरकार ने ‘सी टू प्लस 50’ प्रतिशत फार्मूला न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने में लागू किया है। इसमें संपूर्ण लागत नहीं जोड़ी गई है। संपूर्ण लागत जोड़ी जाती तो धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1750 की बजाय 2340 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित होता।