नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को साल 2002 में हुए गुजरात के गोधरा कांड में 8 अभियुक्तों को जमानत दी है। फरवरी 2002 में हुई इस घटना में गोधरा रेलवे स्टेशन में ट्रेन की बोगी में आग लगा गई थी। इसमें 58 यात्री जिंदा जलकर मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर कारसेवक थे जो कि अयोध्या से लौट रहे थे। इसी घटना के बाद गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों में दंगे भड़के।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, शीर्ष अदालत ने कहा था कि दोषी 17 साल से जेल में है और उसकी भूमिका ट्रेन पर पत्थर फेंकने की थी। कोर्ट ने कहा कि आरोपी फारूक द्वारा दायर जमानत का आवेदन मंजूर किया जाता है, जबकि यह देखते हुए कि वह 2004 से हिरासत में है, और दोषसिद्धि के खिलाफ उसकी अपील भी शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित है।
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि आवेदक को सत्र न्यायालय द्वारा लगाए गए नियमों और शर्तों के अधीन जमानत दी जाती है। राज्य सरकार के अनुसार, आरोपी फारूक ने भीड़ को उकसाया और कोच पर पथराव किया, यात्रियों को घायल किया और कोच को क्षतिग्रस्त कर दिया।
मार्च 2011 में, ट्रायल कोर्ट ने इस केस में 31 लोगों को दोषी ठहराया, उनमें से 11 को मौत की सजा सुनाई गई और 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। जबकि 63 आरोपियों को बरी कर दिया गया। अक्टूबर 2017 में, गुजरात उच्च न्यायालय ने सभी की सजा को बरकरार रखा, लेकिन 11 की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया।