1993 बम विस्फोटः मुंबई से फरार मुजरिम जलीस अंसारी कानपुर में अरेस्ट, नेपाल के रास्ते देश से भागना चाहता था

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 17, 2020 18:18 IST2020-01-17T17:33:48+5:302020-01-17T18:18:46+5:30

राजस्थान के अजमेर सेंट्रल जेल से 21 दिन की पैरोल पर छूटा था अंसारी, 16 जनवरी को गायब हो गया था। इस संबंध में मुंबई के अगरीपड़ा पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट भी दर्ज करायी गयी थी।

1993 bomb blast: absconding convict from Mumbai, Ansari in Kanpur wanted to flee the country via Arrest, Nepal | 1993 बम विस्फोटः मुंबई से फरार मुजरिम जलीस अंसारी कानपुर में अरेस्ट, नेपाल के रास्ते देश से भागना चाहता था

वह देश के विभिन्न हिस्सों में हुए कई धमाकों में सदिंग्ध है।

Highlightsपैरोल पर आने के बाद से लापता था। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने कानपुर से गिरफ्तार कर लिया है।अधिकारी ने बताया कि अंसारी यहां के अग्रीपाडा थाने के अंतर्गत मोमिनपुर का रहने वाला है और उम्र कैद की सजा काट रहा है।

मुम्बई में साल 1993 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में पैरोल पर छूटने के बाद लापता हुए एक सजायाफ्ता को शुक्रवार को कानपुर से गिरफ्तार किया गया।

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने यहां बताया कि राजस्थान की अजमेर केन्द्रीय कारागार से हाल में 21 दिन के पैरोल पर छूटा जलीस अंसारी (68) गुरुवार को लापता हो गया था। उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट मुम्बई के अग्रीपाड़ा थाने में दर्ज करायी गयी थी।

उन्होंने बताया कि अंसारी को कानपुर के फेथफुलगंज क्षेत्र में उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह रेलवे स्टेशन की तरफ जा रहा था। उसके कब्जे से 47780 रुपये, एक पॉकेट डायरी, मोबाइल फोन और आधार कार्ड बरामद किया गया है। अंसारी को लखनऊ लाया गया है और स्पेशल टास्क फोर्स तथा सुरक्षा एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही हैं कि उसका इरादा क्या था।

अंसारी को पैरोल के दौरान रोजाना पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे और दोपहर 12 बजे अग्रीपाड़ा थाने में हाजिरी देनी होती थी। मगर वह गुरुवार को निर्धारित समय पर थाने नहीं पहुंचा था। गुरुवार को उसके बेटे जैद ने पुलिस को बताया था कि जलीस सुबह नमाज पढ़ने के लिये मस्जिद जाने की बात कहकर घर से निकले, मगर नहीं लौटे।

उसके बाद उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि अंसारी टाइम बम और टीएनटी को डेटोनेट करने का माहिर माना जाता है। वह वर्ष 1993 में मुम्बई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों समेत 50 से ज्यादा बमकांडों में शामिल था। सिंह ने बताया कि अंसारी के गुमशुदा होने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस को पहले ही सतर्क कर दिया गया था, क्योंकि उसके नेपाल के रास्ते देश से फरार हो जाने की आशंका थी।

उन्होंने बताया कि अंसारी को राजस्थान स्थित अजमेर केंद्रीय कारागार से 21 दिनों के पैरोल पर रिहा किया गया था और शुक्रवार को उसे जेल प्रशासन के समक्ष आत्मसमर्पण करना था। अधिकारी ने बताया कि पैरोल की अवधि के दौरान अंसारी को रोजाना सुबह साढ़े दस बजे से 12 बजे के बीच अग्रीपाडा थाने आकर हाजिरी लगाने को कहा गया था लेकिन वह गुरुवार को निर्धारित समय पर नहीं पहुंचा।

उन्होंने बताया कि दोपहर को अंसारी का 35 वर्षीय बेट जैद अंसारी पुलिस थाने पहुंचा और पिता के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के मुताबिक जलीस अंसारी तड़के उठा और घरवालों से नमाज पढ़ने की बात कहकर निकला लेकिन वापस नहीं लौटा।

जैद की शिकायत पर पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है। मुंबई पुलिस की अपराध शाखा और महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते ने उसको पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया है। गौरतलब है कि जलीस को डॉक्टर बम से भी जाना जाता है और आरोप है कि वह सिमी और इंडियन मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों से जुड़ा था और उन्हें बम बनाना सिखाता था। 

Web Title: 1993 bomb blast: absconding convict from Mumbai, Ansari in Kanpur wanted to flee the country via Arrest, Nepal

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