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Zika virus: महाराष्ट्र में जीका वायरस के मामले बढ़ रहे हैं, चिंता में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, गर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा खतरा

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: July 5, 2024 15:12 IST

एडीज मच्छरों द्वारा प्रसारित जीका वायरस, गर्भवती महिलाओं के बीच विशेष चिंता का कारण है। यह खतरनाक वायरस संक्रमण नाल और गर्भनाल के माध्यम से भ्रूण तक पहुंच सकता है। एडीज एजिप्टी डेंगू और चिकनगुनिया के प्रसार के लिए भी जिम्मेदार है।

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ठळक मुद्देमहाराष्ट्र में जीका वायरस बढ़ते मामले चिंता पैदा कर रहे हैं महाराष्ट्र में पिछले 15 दिनों में 8 मामले सामने आ चुके हैंजीका वायरस का सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं को है

Zika virus cases: महाराष्ट्र में जीका वायरस बढ़ते मामले चिंता पैदा कर रहे हैं। महाराष्ट्र में पिछले 15 दिनों में 8 मामले सामने आ चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय इन बढ़ते मामलों को लेकर गंभीर है।  मंत्रालय ने सभी राज्यों को एक सलाह जारी की है। सलाह में अत्यधिक सतर्कता की आवश्यकता पर जोर दिया गया। जीका वायरस का सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं को है। इसे ध्यान में रखते हुए संभावित जीका संक्रमण के लिए गर्भवती महिलाओं की जांच करने के लिए विशेष ध्यान रखने की सलाह दी गई है।

महाराष्ट्र में अब तक जिन मामलों की पुष्टि हुई है उनमें छह पुणे से हैं, शेष दो कोल्हापुर और संगमनेर में हैं। स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक अतुल गोयल ने राज्यों को स्थिति पर बारीकी से नजर रखने का निर्देश दिया है। 

एडीज मच्छरों द्वारा प्रसारित जीका वायरस, गर्भवती महिलाओं के बीच विशेष चिंता का कारण है। यह खतरनाक वायरस संक्रमण नाल और गर्भनाल के माध्यम से भ्रूण तक पहुंच सकता है। एडीज एजिप्टी डेंगू और चिकनगुनिया के प्रसार के लिए भी जिम्मेदार है।

पुणे नगर निगम के सहायक मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजेश दिघे के अनुसार  संक्रमण से माइक्रोसेफली हो सकता है। यह एक प्रकार का विकार है जिसमें नवजात शिशुओं में असामान्य रूप से छोटा सिर होता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) में जीका परीक्षण सुविधा उपलब्ध है और व्यापक निगरानी की जा रही है। दिघे के अनुसार पुणे से रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या बढ़ रही है।

कई निजी अस्पताल भी एनआईवी से जुड़े हुए हैं और वे सीधे परीक्षण के लिए नमूने भेजते हैं। 20 जून से 4 जुलाई तक 21,441 मरीजों की जांच की जा चुकी है। बता दें कि जीका डेंगू की तुलना में एक कमजोर वायरस है। लेकिन यह घातक हो सकता है। इसके लक्षण हल्के होते हैं और इसमें बुखार, दाने, सिरदर्द, जोड़ों का दर्द,  मांसपेशियों में दर्द शामिल हो सकते हैं।

इस बीमारी का अभी तक कोई इलाज नहीं है, लेकिन मरीज को भरपूर पानी और आराम देने से इसे 4-5 दिनों में ठीक करने में मदद मिल सकती है। वायरस के ब्राजीलियाई उत्परिवर्तन को गंभीर माना जाता है और यह गर्भवती महिलाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। जबकि एशियाई और अफ्रीकी उत्परिवर्तन कम गंभीर हैं। अभी पता नहीं है कि कौन सा स्ट्रेन फैल रहा है, इसलिए गर्भवती महिलाओं के लिए अल्ट्रासाउंड और अन्य परीक्षणों सहित सभी सावधानियां बरतनी जरूरी हैं।

टॅग्स :जीका वायरसHealth and Family Welfare DepartmentभोजनHealth Department
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