ई-फार्मेसी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे स्वास्थ्य मंत्री मांडविया, निर्धारित दवाओं के अतार्किक इस्तेमाल सहित कई चिंताओं को लेकर सरकार की नजर!

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 12, 2023 06:17 PM2023-04-12T18:17:09+5:302023-04-12T18:18:02+5:30

ई-फार्मेसी (ऑनलाइन दवाओं की बिक्री करने वाले मंच) द्वारा दवाओं का अनियंत्रित और अतार्किक इस्तेमाल और मरीज के आंकड़ों की गोपनीयता बनाए रखना उनके (सरकार के) लिए चिंता के प्रमुख क्षेत्र हैं।

Union Health Minister Mansukh Mandaviya meeting representatives e-pharmacies soon These e-pharmacies are on the government's radar | ई-फार्मेसी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे स्वास्थ्य मंत्री मांडविया, निर्धारित दवाओं के अतार्किक इस्तेमाल सहित कई चिंताओं को लेकर सरकार की नजर!

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पहले से ही ई-फार्मेसी पर नियमों और कड़ी कार्रवाई पर विचार कर रहा है।

Highlightsरोगी की सुरक्षा के लिए जोखिम बढ़ जाता है।फार्मेसी क्षेत्रवार दवाओं की खपत के आंकड़े एकत्र करती हैं।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पहले से ही ई-फार्मेसी पर नियमों और कड़ी कार्रवाई पर विचार कर रहा है।

नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया जल्द ही ई-फार्मेसी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे, जिन पर आंकड़ों की गोपनीयता और निर्धारित दवाओं के अतार्किक इस्तेमाल सहित कई चिंताओं को लेकर सरकार की नजर है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि इन ई-फार्मेसी (ऑनलाइन दवाओं की बिक्री करने वाले मंच) द्वारा दवाओं का अनियंत्रित और अतार्किक इस्तेमाल और मरीज के आंकड़ों की गोपनीयता बनाए रखना उनके (सरकार के) लिए चिंता के प्रमुख क्षेत्र हैं। सूत्रों ने बताया कि ये फार्मेसी क्षेत्रवार दवाओं की खपत के आंकड़े एकत्र करती हैं, जिससे रोगी की सुरक्षा के लिए जोखिम बढ़ जाता है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पहले से ही ई-फार्मेसी पर नियमों और कड़ी कार्रवाई पर विचार कर रहा है। अंतर मंत्रालयी परामर्श के लिये भेजे गए ‘न्यू ड्रग्स, मेडिकल डिवाइसेस एंड कॉस्मेटिक्स बिल, 2023’ के संशोधित मसौदे में कहा गया है, “केंद्र सरकार अधिसूचना के जरिये, ऑनलाइन माध्यम से किसी भी दवा की बिक्री या वितरण को विनियमित, बाधित या प्रतिबंधित कर सकती है।”

लोगों की राय के लिए मसौदा विधेयक को पिछले साल जुलाई में सार्वजनिक किया गया था और इसमें ई-फार्मेसी के संचालन के लिए अनुमति लेने का प्रावधान है। नया कानून 1940 के मौजूदा ‘ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट’ का स्थान लेगा।

पुराने विधेयक में कहा गया है, “कोई भी व्यक्ति स्वयं या उसकी ओर से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा ऑनलाइन माध्यम (ई-फार्मेसी) से किसी भी दवा को बेचने, या एकत्र करने या प्रदर्शन अथवा बिक्री की पेशकश या वितरण नहीं करेगा, सिवाय तब जबकि लाइसेंस या इस तरह से जारी अनुमति के अनुसार ऐसा करना निर्धारित किया गया हो।”

संशोधित मसौदा विधेयक में इस प्रावधान को हटा दिया गया है और बदल दिया गया है। फरवरी में भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने मानदंडों का उल्लंघन कर दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के आरोप में 20 ई-फॉर्मेसी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें टाटा 1एमजी, अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, नेटमेड्स, मेडिबडी, प्रैक्टो और अपोलो जैसे शीर्ष नाम शामिल हैं।

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