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सावधान! बच्चों के डायपर में हो सकते हैं 10 हजार से ज्यादा वायरस, नई स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, बेबी के लिए यह है सुरक्षित

By आजाद खान | Updated: May 11, 2023 14:36 IST

बता दें कि एक अन्तरराष्ट्रीय शोध में यह पता चला है कि बच्चों के इस्तेमाल में आने वाले डायपर में करीब 10 हजार से भी ज्यादा वायरस पाए गए है। ऐसे में इन वायरसों में से 16 वायरस ही पहचान भी हो गई है।

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ठळक मुद्देबच्चों के डायपर को लेकर एक स्टडी सामने आई है। इस स्टडी में यह कहा गया है कि बच्चों के डायपर में भारी मात्रा में वायरस पाए जाते है। ऐसे में जानकारों द्वारा बच्चों को कपड़े के नैपकिन इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।

Synthetic Diapers Harmful Effects:  छोटे बच्चों के डायपर को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। हाल में एक जर्नल में छपि खबर के अनुसार, बच्चों के डायपर में भारी संख्या में वायरस पाए गए है। ऐसे में बच्चों के हेल्थ को लेकर अब लोगों की चिंताएं बढ़ रही है। ऐसे आमतौर पर डायपर के पहनने पर बच्चों को कई और समस्या भी होती है। तो ऐसे में आइए जान लेते है कि डायपर को लेकर जर्नल में क्या छपि है और इससे बचने के हमें बच्चों को क्या पहनाना चाहिए। 

जर्नल में यह बात सामने आई है

आपको बता दें कि हाल ही में नेचर माइक्रोबायोलॉजी जर्नल में छपी एक खबर में यह कहा गया है कि एक अन्तरराष्ट्रीय शोध में यह पता चला है कि बच्चों के इस्तेमाल में आने वाले डायपर में करीब 10 हजार से भी ज्यादा वायरस पाए गए है। ऐसे में इन वायरसों में से 16 वायरस ही पहचान भी हो गई है। 

इस खुलासे के बाद लोग डायपर के इस्तेमाल को लेकर काफी चिंतित भी है। यही नहीं आमतौर पर डायपर के इस्तेमाल के बच्चों को कई समस्या भी होती है। इससे उनके स्किन पर ना केवल रैशेज पड़ते हैं बल्कि अस्थमा जैसी बीमारी भी हो सकती है।

डायपर की जगह ये करें इस्तेमाल 

ऐसे में बच्चों की मां को चाहिए कि वे डायपर की जगह कपड़े की नैपकिन का इस्तेमाल करें। इससे बच्चों को वायरस का खतरा भी नहीं रहेगा और इससे उनकी सॉफ्टनेस को कोई नुकसान भी नहीं होगा। हालांकि यह काफी जल्दी-जल्दी गिला तो हो जाएगा लेकिन बच्चों की इससे सेफ्टी रहेगी। 

यही नहीं आप कॉटन के लंगोट भी बना सकते है और बच्चों को ये पहना सकते है। ये भी उनके लिए काफी फायदेमंद होगा औऱ इससे शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। 

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाओं का Lokmat Hindi News पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले या इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए डॉक्टरों से जरूर संपर्क करें।) 

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