मुंह और पेट के दर्दनाक छालों को 2 दिन में जड़ से खत्म कर सकती है हर घर में मिलने वाली ये चीज
By उस्मान | Published: July 30, 2019 03:55 PM2019-07-30T15:55:07+5:302019-07-30T15:55:07+5:30
मुंह और पेट में अल्सर होना एक दर्दनाक समस्या है। इन्हें पेट के छाले भी कहा जाता है। ये छाले बहुत दर्द देते हैं और इनकी वजह से खाना-पीना मुश्किल हो जाता है।
मुंह और पेट में अल्सर होना एक दर्दनाक समस्या है। इन्हें पेट के छाले भी कहा जाता है। ये छाले बहुत दर्द देते हैं और इनकी वजह से खाना-पीना मुश्किल हो जाता है। यह एक तरह का घाव या चोट होती है, जो पेट के अंदर बढ़ती चली जाती है। ये छाले आंत के उपरी भाग में होते हैं। छालों का इलाज तुरंत करना जरूरी है। इलाज में देरी की वजह से ये क्रोंस डिजीज, अल्सरेटिव कोलाइटिस आदि गंभीर बीमारियों का रूप ले सकते हैं।
पेट में अल्सर के लक्षण
पेट में दर्द, वजन घटना, दर्द के कारण खाने में परेशानी, उल्टी, पेट भरा हुआ महसूस करना, सूजन, सीने में जलन, एनीमिया, थकावट, सांस की तकलीफ, गहरे रंग की पॉटी, उल्टी में खूनी आना इसके लक्षणों में शामिल हैं।
पेट के अल्सर के लिए मुलेठी
मुलेठी की जड़ को उखाड़ने के बाद दो वर्ष तक उसमें औषधीय गुण विद्यमान रहते हैं। इसका औषधि के रूप में प्रयोग बहुत पहले से होता आया है। मुलेठी पेट के रोग, सांस संबंधी रोग, स्तन रोगों को दूर करती है। पेट के घाव होने पर मुलेठी की जड़ का चूर्ण इस्तेमाल करना चाहिए। मुलेठी पेट के अल्सर के लिए फायदेमंद है। यह सभी तरह के अल्सर में भी पूरी तरह से फायदा करती है।
कैल्शियम, ग्लिसराइजिक एसिड, एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीबायोटिक, प्रोटीन, फैट, विटामिन बी, विटामिन ई, फॉस्फोरस, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, सेलेनियम, सिलिकॉन जैसे जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर मुलेठी का खांसी सहित कई रोगों के इलाज में किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार मुलेठी में खांसी, जुकाम, उल्टी, पित्त को बंद करने के साथ-साथ पेट की जलन, दर्द, पेप्टिक अल्सर तथा इससे होने वाली खून की उल्टी को रोकने की भी क्षमता होती है।
ऐसे करें इस्तेमाल
यह एक तरह के पेड़ की लकड़ी होती है जिसका स्वाद मीठा होता है। गले में खराश हो या खांसी, मुलेठी चूसने से इसमें राहत मिलती है। इसके अलावा भी मुलेठी में कई ऐसे गुण हैं।