सर्दी, खांसी या जुकाम होने पर हमने कई बार अपने बड़ों से सुना होगा घर में भाप यानी स्टीम लेने को। भाप लेना सिर्फ सर्दी, जुकाम ही नहीं बल्कि और भी कई बड़ी दिक्कतों में रामबाण इलाज है। अर्थराइटिस, जोड़ों के दर्द, सूजन, कमर व गर्दन में दर्द, दमा, पुरानी खांसी (ब्रोनकाइटिस) जैसी दिक्कतों में भी नैचुरोपैथ और ऐलोपैथ दोनों के तहत डॉक्टर्स भाप लेने की सलाह देते हैं। हां, दोनों का तरीका थोड़ा अलग होता है। ये निर्भर करता है कि आप कौन से तरीके को अपनाना चाहेंगे।
नैचुरोपैथ है पूरी तरह प्राकृतिक बात करें अगर नैचुरोपैथ की तो ये प्रकृति से जुड़ा आराम पहुंचाने का सबसे आसान तरीका होता है। इसके बारे में नैचुरोपैथ एक्सपर्ट डॉक्टर उमेश यादव के अनुसार, शरीर के कई दर्दों से लेकर सर्दी, खांसी तक में भाप लेना सबसे ज्यादा असरदार और फायदेमंद तरीका होता है। ऐसे में अर्थराइटिस, जोड़ों के दर्द, सूजन, कमर और गर्दन के दर्द, दमा व पुरानी खांसी में सादे पानी को कुकर या बड़े भगौने में गर्म करके उससे भाप लेने से भी बहुत फायदा होता है। वहीं अब तकलीफ ज्यादा हो तो अलग-अलग दिक्कतों में अलग-अलग प्राकृतिक और घरेलू औषधियों का इस्तेमाल किया जा सकता है। कैसे और किस तकलीफ में करें किस घरेलू जड़ीबूटी का इस्तेमाल, आइए देखें।
1) गठियागठिया की तकलीफ में पानी में फिटकरी और हल्दी मिलाकर उसकी भाप से सिकाई करने में जल्दी आराम मिलता है। कारण है कि जहां एक ओर फिटकरी एंटीबायोटिक होती है तो वहीं हल्दी दर्द से जल्दी आराम दिलाती है। अर्थराइटिस में बेहतर होगा कि सादे पानी की भाप ली जाए, तो ज्यादा असरकारी होगी।
3) सर्दी, जुकाम और खांसी सर्दी, जुकाम की दिक्कत होने पर पानी में लॉन्ग और तेज पत्ता डालकर भाप लेने से बहुत जल्दी फायदा मिलता है। इसको लेकर एक्सपर्ट बताते हैं लॉन्ग सांस की नली में जमे कफ का पिघलाकर निकालने में ज्यादा असरकारी होती है और तेजपत्ता शरीर के अंदरूनी हिस्सों को गर्मी पहुंचाता है। खांसी बढ़ने पर पानी में अदरक डालकर भाप लेने से ये कफ को जल्दी रोकने में मदद करता है।
4) साइनससाइनस की समस्या होने पर तुलसी, नीलगिरी और पुदीना के साथ भाप लेने से जल्दी फायदा मिलता है। इन तीन जड़ी-बूटियों में सबसे ज्यादा असरकारी होती है तुलसी। कारण है कि ये सबसे अच्छी एंटीबायोटिक होती है।
5) मुंहासेइसके लिए नैचुरोपैथी में सबसे बड़ी रामबाण है हल्दी, फिटकरी और ग्लीसरीन। इसको पानी में खौलाकर चेहरे पर भाप लेने से मुहांसों और रंगत दोनों पर जल्द ही पॉजीटिव असर दिखाई देता है।
6) गला खराब होने परगला खराब होने पर डॉक्टर्स पानी में विक्स या कार्बोल प्लस डालकर स्टीम लेने की सलाह देते हैं।
7) वायरल इंफेक्शनवायरल इंफेक्शन होने पर अक्सर नाक और गले में उलझन होती है। ऐसे में भी डॉक्टर्स पानी में कार्बोल प्लस डालकर स्टीम लेने की सलाह देते हैं।
8) एलर्जीएलर्जी की दिक्कत होने पर पानी में एंटी एलर्जिक दवा का इस्तेमाल कर भाप लेने से काफी आराम मिल सकता है।
9) साइनोसाइटिससाइनोसाइटिस चेहरे से संबंधित समस्या है। इस दिक्कत में अक्सर चेहरे पर दर्द, सिर में दर्द और चेहरे पर एलर्जी जैसी दिक्कतें होने लगती हैं। इस समस्या के होने पर पानी में कार्बोल प्लस की स्टीम लेने से बहुत आराम मिलता है।
भाप लेते समय इन बातों का रखें ध्यान - पानी में जड़ीबूटी या दवा की उचित मात्रा। ये मात्रा अगर कम होगी तो जल्दी आपको फायदा नहीं करेगी। - पानी को उसी तापमान तक गर्म से नॉर्मल करके इस्तेमाल करें, जिसे आप सहन कर सकें। - सिर को किसी हल्के तौलिये से ढक लें और कटोरे से लगभग 30 सेंटीमीटर की दूरी पर रहें।- तौलिया ऐसा हो जो न ज्यादा भारी हो और ऐसा हो कि उससे भाप भी बाहर न निकलने पाए।- भाप लेते समय पानी का कटोरा और सिर तौलिये से अच्छी तरह ढका हुआ हो।- भाप लेते समय नाक से सांस लेने और सांस छोड़ने की क्रिया भी डॉक्टरी सलाह के आधार पर हो।- ये क्रिया करते समय पंखे को बंद करना न भूलें। वरना सर्दी-गर्मी से भाप फायदा करने के बजाए और नुकसान भी पहुंचा सकती है।- बच्चे, गर्भवती महिलाएं या अस्थमा के रोगी डॉक्टरी सलाह के बगैर भाप बिल्कुल न लें।