गर्लफ्रेंड सेक्स में दिलचस्पी नहीं लेती, क्या इसका शादी पर असर पड़ेगा?
By उस्मान | Updated: November 23, 2018 16:27 IST2018-11-23T16:27:24+5:302018-11-23T16:27:24+5:30
एक हालिया अध्ययन के अनुसार, 18 से 59 वर्ष की आयु की लगभग एक तिहाई महिलाएं कामेच्छा से पीड़ित हैं।

गर्लफ्रेंड सेक्स में दिलचस्पी नहीं लेती, क्या इसका शादी पर असर पड़ेगा?
सवाल-हमारी रिलेशनशिप को दो साल से अधिक हो गए हैं। हमने शादी की भी योजना बनाई है। हम नियमित रूप से मिलते-जुलते और मौज-मस्ती करते हैं। लेकिन आज तक हमारे बीच शारीरिक संबंध नहीं बने हैं। हालांकि मैंने कई बार कोशिश की है लेकिन गर्लफ्रेंड सेक्स में दिलचस्पी नहीं लेती है। इतना ही नहीं उसे सेक्स से रिलेटेड कोई भी बात या हरकत पसंद नहीं है? मुझे डर है कि कहीं शादी के बाद इसका हमारे रिश्ते पर कोई प्रभाव न पड़े। क्या वो किसी रोग से पीड़ित है?
दिल्ली के मशहूर सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर विनोद रैना के अनुसार, कामेच्छा में कमी किसी भी महिला के लिए परेशानी का कारण बन सकती है। हार्मोन की कमी, जॉब स्ट्रेस, रिलेशनशिप इशू और अन्य कारणों से महिलाएं इस समस्या का सामना कर रही हैं। कामेच्छा में कमी को मेडिकल भाषा में हाइपोएक्टिव सेक्सुअल डिजायर डिसऑर्डर (एचएसडीडी) के रूप में जाना जाता है। यह सभी उम्र की महिलाओं में यौन अक्षमता का सबसे आम रूप है। एक हालिया अध्ययन के अनुसार, 18 से 59 वर्ष की आयु की लगभग एक तिहाई महिलाएं कामेच्छा से पीड़ित हैं।
इस समस्या के पीछे मानसिक और शारीरिक दोनों कारक हो सकते हैं जिन्हें सिर्फ दवाओं से सही नहीं किया जा सकता है। अगर वो कुछ बात आपसे शेयर करती है तो, इससे आपकी मदद हो सकती है, जिससे आप उसकी भी मदद कर सकते हैं। उसे यह एहसास दिलाएं कि आप उससे प्यार करते हैं केवल उसके शरीर से नहीं। डेट पर जाना और छुट्टियां मनाना जैसी गतिविधियां करते रहें। अगर अपने संबंधों को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो आपको हमेशा कुछ नया करते रहना चाहिए।
महिलाओं में कामेच्छा के कारण
रिलेशनशिप इशू
साथी के प्रदर्शन में कमी, भावनात्मक संतुष्टि की कमी, बच्चे का जन्म आदि समस्याएं इसका कारण बन सकती हैं।
सोशल इशू
नौकरी का तनाव, सहकर्मी का दबाव और चिंता यौन इच्छाओं को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती हैं।
टेस्टोस्टेरोन की कमी
टेस्टोस्टेरोन पुरुषों और महिलाओं दोनों में सेक्स ड्राइव को प्रभावित करता है। टेस्टोस्टेरोन लेवल महिलाओं में 20 की उम्र में बढ़ना शुरू होता है और रजोनिवृत्ति तक लगातार गिरावट आती है।
मेडिकल इशू
मानसिक बीमारियां जैसे अवसाद, या एंडोमेट्रोसिस, फाइब्रॉएड, और थायरॉइड विकार भी किसी महिला कामेच्छा को प्रभावित करती हैं।
महिलाओं में कामेच्छा की कमी के लक्षण
-सेक्स में दिलचस्पी नहीं लेना
- सेक्स से जुड़े विचार या भावना में कमी आना
- सेक्स शुरू करने में कोई दिलचस्पी नहीं होना
- सेक्स से खुशी प्राप्त करने में कठिनाई
- पार्टनर द्वारा जननांगों को उत्तेजित किए जाने पर सुख नहीं मिलना

