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मंगल पर सेक्स करना होगा रिस्की, बच्चे पैदा हुए तो इंसानों से होंगे बिल्कुल अलग

By गुलनीत कौर | Updated: June 1, 2018 15:52 IST

एक इंटरनेशनल रिपोर्ट के अनुसार मंगल ग्रह पर ना केवल जीवन मुमकिन बनाया जा सकता है बल्कि साथ ही एक न ई मनुष्य प्रजाति को भी विकसित किया जा सकता है, जो पृथ्वी की मनुष्य प्रजाति से अलग होगी।

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मंगल ग्रह पर जीवन की तलाश में लगे वैज्ञानिक रोज इस लाल ग्रह के बारे में कोई ना कोई रोचक जानकारी लेकर आते हैं। शुरुआत में जब मंगल ग्रह पर जीवन सोचने की खबरें आई थीं तब लगता था कि यह संभव नहीं और यह महज एक मजाक है। लेकिन वैज्ञानिक बेहद गंभीरता से इसपर काम कर रहे हैं। वैज्ञानिकों की कोशिश है कि पृथ्वी के बाद मंगल दूसरा ऐसा ग्रह हो जहां मनुष्य जाति अपना जीवन स्थापित कर सके।

यहां कॉलोनी बसाना, घर बनाना, खाने-पीने की सारी व्यवस्था करना और साथ ही पृथ्वी से अलग वातावरण में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से भी लड़ने की प्लानिंग जारी है। लेकिन Features नाम के एक जर्नल में छपी रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने एक और हैरान कर देने वाला खुलासा किया है। जिसके अनुसार मंगल ग्रह पर सेक्स करना और फिर प्रेगनेंसी कंसीव करना दोनों ही मुश्किल होगा लेकिन नामुमकिन नहीं। 

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए इस शोध की रिपोर्ट के अनुसार वैज्ञानिकों ने माना है कि मंगल ग्रह पर सेक्स संबंध बनाए जा सकते हैं। किन्तु इसमें भी एक बड़ी दिक्कत सामने आएगी। मंगल ग्रह का गुरुत्वाकर्षण यानी ग्रेविटेशन पृथ्वी के मुकाबले में एक-तिहाई है। वैज्ञानिकों के अनुसार यदि मंगल ग्रह पर संभोग किया जाए तो यह जोखिम भरा होगा। साथ ही इस तरह के वातावरण में प्रेगनेंसी कंसीव करना बेहद कठिन हो सकता है और इसके बाद जन्म लेने वाली प्रजाति पृथ्वी की मनुष्य प्रजाति से थोड़ी अलग होगी। 

रिसर्च पेपर के अनुसार मंगल ग्रह पर लोगों को कई सारी सेहत संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। लाइफ पृथ्वी पर जितनी आसान है, मंगल ग्रह पर उससे कई अधिक मुश्किल होगी। पृथ्वी की तुलना में कम गुरुत्वाकर्षण के होने से मंगल ग्रह पर रहने वाले लोगों को मांसपेशियों में दिक्कत हो सकती है और इनकी हड्डियां भी कमजोर हो सकती हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि मार्स पर महीनों तक रहने वाले अन्तरिक्ष वैज्ञानिकों को आंखों के कमजोर होने और यहाँ तक कि उनके दिमाग की शेप के बदलने जैसी दिक्कत का भी सामना करना पड़ा है। 

लेकिन एक और बात जिसका खुलासा इस रिपोर्ट में किया गया है वह वाकई सबको हैरान कर देने वाली है। वैज्ञानिकों की मानें तो मंगल ग्रह पर गर्भवती अपने गर्भधारण के 9 महीने को बिना किसी स्वास्थ्य समस्या के पूरा कर पाएगी या नहीं, यह कहना मुश्किल है। लेकिन कम गुरुत्वाकर्षण वाले इस वातावरण में वह महिला जिस बच्चे को जन्म देगी उसमें और पृथ्वी में जन्म लेने वाले बच्चों में अंतर होगा। यह सच है कि मंगल ग्रह पर सेक्स, प्रेगनेंसी और फिर नए जीवन को जन्म देने से मनुष्य प्रजाति को बढ़ावा दिया जा सकता है लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार इस ग्रह पर पैदा होने वाले बच्चों का पृथ्वी पर जीना मुश्किल है। क्योंकि कम गुरुत्वाकर्षण में पैदा होने की वजह से वे हाई-ग्रेविटेशनल फोर्स को झेल नहीं पाएंगे। 

मगर ये बच्चे मंगल ग्रह पर आसानी से अपना जीवन बिता पाएंगे। इनके दिमाग, सोचने की क्षमता, 'जीन्स' सभी सर्वश्रेष्ठ होंगे। ये बच्चे काबीलियत के हिसाब से किसी भी मायने में बेहतर होंगे। 

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