Ratan Tata Death: भारतीय दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा अब इस दुनिया में नहीं रहें। 9 अक्टूबर की रात मुंबई के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया जिससे पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। रतन टाटा सिर्फ एक बिजनेसमैन नहीं बल्कि एक महान शख्सियत थे। देश के हर घर में आपको टाटा का नमक, दाल या कार मिल ही जाएगी। रतन टाटा के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने हमेशा भारत के लोगों की जरूरतों के हिसाब से बिजनेस किया। वह लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं।
हालांकि, 86 साल की उम्र तक आते-आते रतन टाटा काफी बुर्जुग हो गए और उन्हें कई तरह की परेशानियां होने लगी। रतन टाटा पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। उनका मुंबई के मशहूर ब्रीच कैंडी अस्पताल में इलाज चल रहा था। रतन टाटा लो ब्लड प्रेशर से पीड़ित थे। इसके चलते उनकी तबीयत बिगड़ने लगी थी। उनका इलाज हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. शारुख अस्पी गोलवाला की देखरेख में चल रहा था।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद रतन टाटा की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। उम्र के साथ होने वाली समस्याएं स्थिति को और भी मुश्किल बना देती हैं। इंडिया टीवी के हवाले से डॉ. शारुख अस्पी गोलवाला ने बताया कि लो ब्लड प्रेशर की वजह से रतन टाटा हाइपोटेंशन से पीड़ित थे। इसके चलते उनके शरीर के कई अंगों ने धीरे-धीरे काम करना बंद कर दिया था। उन्हें डिहाइड्रेशन की भी समस्या होने लगी थी। बुजुर्गों के लिए यह एक गंभीर समस्या बन जाती है।
क्या होती है लो ब्लड प्रेशर की समस्या और यह कितना खतरनाक
डॉक्टरों की माने तो, अगर आपका ब्लड प्रेशर 90/60 से कम है, तो डॉक्टर इसे लो बीपी मानते हैं। बढ़ती उम्र के साथ लो बीपी और हाई बीपी दोनों का खतरा बढ़ जाता है। लो बीपी की वजह से बुज़ुर्ग लोगों में दिल, दिमाग और दूसरे अंगों में रक्त का प्रवाह कम होने लगता है। जब बीपी अचानक कम हो जाता है, तो दिमाग में रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति कम होने लगती है। ऐसी स्थिति में चक्कर आना, सिर चकराना और कभी-कभी बेहोशी जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
लो ब्लड प्रेशर का इलाज
आपको अगर लो ब्लड प्रेशर की समस्या है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। इसके अलावा, लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए निम्नलिखित आहार और जीवनशैली समायोजन पर विचार करें। नमक का सेवन बढ़ाएँ, खूब सारे तरल पदार्थ पिएँ और शराब और सिगरेट से बचें। वायरल संक्रमण के दौरान, हाइड्रेटेड रहें। नियमित व्यायाम और सावधानी से हरकतें करना, जैसे खड़े होने से पहले स्ट्रेचिंग करना और बिस्तर से बाहर निकलते समय सहारा लेना, बहुत जरूरी है।
लो बीपी के मरीज करें ये परहेज
- सोते समय अपना सिर ऊंचा रखें
- भारी वजन उठाने, तनाव लेने और लंबे समय तक खड़े रहने से बचें
- गर्म पानी के संपर्क में आने से बचें।
- कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करें
- भोजन के बाद आराम करें।
- थोड़ा-थोड़ा करके बार-बार खाना।