भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार (31 अगस्त) को निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे। उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने उनकी मौत की घोषणा की। जब उन्हें इलाज के लिए आर्मी अस्पताल लाया गया था तो वो कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए थे। बताया जा रहा है कि उनके ब्रेन में ब्लड क्लॉट था और अस्पताल में उनकी सर्जरी हुई।
सेप्टिक शॉकएनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, फेफड़ों में संक्रमण की वजह से उन्हें सेप्टिक शॉक की स्थिति पैदा हो गई थी। प्रणब मुखर्जी की इस महीने ब्रेन सर्जरी हुई थी, जिसके बाद से वह कोमा में थे।
अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘भारी मन से आपको सूचित करना है कि मेरे पिता श्री प्रणब मुखर्जी का अभी कुछ समय पहले निधन हो गया। आरआर अस्पताल के डॉक्टरों के सर्वोत्तम प्रयासों और पूरे भारत के लोगों की प्रार्थनाओं और दुआओं के लिए मैं आप सभी को हाथ जोड़कर धन्यवाद देता हूं।’’
सेप्टिक शॉक क्या है? सेप्टिक शॉक एक ऐसी गंभीर स्थिति है, जिसमें रक्तचाप काम करना बंद कर देता है और शरीर के अंग पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त करने में विफल हो जाते हैं।
कोरोना वायरस पॉजिटिवबता दें कि बीते दिनों पूर्व राष्ट्रपति की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में भर्ती के दौरान की गई जांच में उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की भी पुष्टि हुई थी। बाद में उनके फेफड़े में संक्रमण हो गया। अस्पताल की ओर से बताया गया था कि उनके गुर्दे भी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं।
ब्लड क्लॉट की सर्जरी84 साल के मुखर्जी को दस अगस्त को दिल्ली कैंट स्थित सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुखर्जी के मस्तिष्क में खून के थक्के जमने के बाद उनका ऑपरेशन किया गया था। इसके बाद उन्हें श्वास संबंधी संक्रमण हो गया था।
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को 10 अगस्त को सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां पर मेडिकल चेकअप में यह सामने आया था कि उनके मस्तिष्क में एक बड़ा सा थक्का है। इसके बाद उनकी मस्तिष्क की सर्जरी की गई है।
इसके बाद से पूर्व राष्ट्रपति के जल्दी ठीक हो जाने को लेकर पूरे देश में दुआएं की जा रही हैं। उनके समर्थक उनके लिए दिन रात दुआएं कर रहे हैं। प्रणब मुखर्जी ने 2012 से 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला है।