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एशिया पहुंचा जानलेवा Monkeypox virus, त्वचा को पहुंचाता है नुकसान, भारत में भी दहशत

By उस्मान | Updated: June 4, 2019 15:08 IST

इस बीमारी के लिए टीकाकरण अभी तक उपलब्ध नहीं है। मनुष्यों में मंकीपॉक्स वायरस के कारण मृत्यु दर 1 से 10 प्रतिशत है।

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इन दिनों सिंगापुर में खतरनाक बीमारी मंकीपॉक्स से लोगों में दहशत फैली हुई है। बताया जा रहा है कि इस बीमारी का प्रकोप एशिया के अन्य देशों तक भी फैल सकता है। हालांकि सिंगापुर के बाहर एशिया में अभी तक कोई भी मामला दर्ज नहीं किया गया है। आपको बता दें कि यह बीमारी अन्य देशों, विशेषकर अफ्रीका में कोहराम मचा चुकी है। सिंगापुर चौथा और एशिया में पहला देश हैं, जहां मंकीपॉक्स के वायरस ने मनुष्यों को संक्रमित किया है। 2003 में संयुक्त राज्य अमेरिका और पिछले वर्ष ब्रिटेन और इज़राइल में इसके मामले दर्ज किए गए थे। 

यह कहां से आया (Where did come from Monkeypox)

मंकीपॉक्स एक वायरस है जो त्वचा की लालिमा और पुटिका, तरल पदार्थ से भरे छोटे थैली का कारण बनता है, जो क्रस्ट में बदल जाता है। पहली बार 1958 में इसका मामला सामने आया। इस वायरस ने उन बंदरों के एक समूह को संक्रमित किया, जो कैमरून में शोध कर रहे थे। पहले यह वायरस केवल मध्य और पश्चिम अफ्रीका में था। इस वायरस ने सबसे पहले चूहों और बाद में बंदर, गाय, भैंस, कुत्ते और अन्य स्तनधारियों जैसे जानवरों को संक्रमित किया। इस बीमारी के लिए टीकाकरण अभी तक उपलब्ध नहीं है।

मनुष्यों में इसका पहला मामला 1970 के दशक में देखा गया। कांगो में एक 9 वर्षीय लड़के को शुरू में चेचक से संक्रमित होने की रिपोर्ट सामने आई। ऐसा ना जाता है कि वो बंदरों से संक्रमित हो गया था।

मंकीपॉक्स के लक्षण (Symptoms of Monkeypox)

इसके लक्षणों में नाक बहना, बेवजह आंसू आना, साँस लेने में कठिनाई और त्वचा की असामान्यताओं की उपस्थिति के साथ सूजन लिम्फ नोड्स शामिल हैं। इसका सबसे बड़ा लक्षण बुखार है, इसके बाद त्वचा की असामान्यताएं हैं जिससे चेहरा बिगड़ने लगता है। बीमारी दो से चार सप्ताह तक रहती है। मनुष्यों में मंकीपॉक्स वायरस के कारण मृत्यु दर 1 से 10 प्रतिशत है।

ऐसे फैलता है मंकीपॉक्स का वायरस (How to Transmission Monkeypox)

एक्सपर्ट मानते हैं कि अमेरिकी चूहे द्वारा काटे जाने या अनुचित तरीके से पका हुआ मांस खाने से भी वायरस फैल सकता है। एक बार वायरस की चपेट में आने के बाद आप पांच से 21 दिन बिस्तर पकड़ सकते हैं। यदि कोई संक्रमित है, तो उससे आसपास के लोगों में वायरस फैल सकता है। यही वजह है कि ऐसे मरीजों को अकेले में रहने की सलाह दी जाती है।

मंकीपॉक्स की जटिलताएं (Risk factors of Monkeypox)

जटिलताओं में त्वचा के जीवाणु संक्रमण, साँस लेने में विफलता तक निमोनिया, आंख की परत को नुकसान, अंधापन, सेप्सिस (संक्रमण के कारण पूरे शरीर की सूजन) और मस्तिष्क की सूजन शामिल हो सकती है। 

ऐसे करें बचाव (How to prevent of Monkeypox)

इसे रोकने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वायरस को प्रवेश करने से रोकना है। पोर्ट स्वास्थ्य अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की निगरानी करनी चाहिए।

किसी मामले का पता लगाने का सबसे आसान तरीका शरीर के तापमान की निगरानी करना है। जिन लोगों को तेज बुखार होता है, उनकी निगरानी और मूल्यांकन किया जाना चाहिए, अगर उनमें त्वचा की असामान्यताएं या अन्य लक्षण हैं। यदि दर्द बहुत गंभीर है, तो रोगियों के लिए इम्युनोग्लोबुलिन या एंटीबॉडी उपचार पर विचार किया जाना चाहिए।

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