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घुटने का दर्द ख़त्म, अब करें पहाड़ों पर चढ़ाई! जानिए घुटना प्रत्यारोपण के बाद का सच

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 23, 2024 19:43 IST

गुन्टूर, आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध ऑर्थोपेडिक सर्जन Dr Sivaiah Potla ने अपनी विशेषज्ञता से इस क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुआ है। उनकी सर्जरी से न केवल मरीजों को दर्द से राहत मिली है, बल्कि उनका जीवन भी बदल गया है।

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कई लोगों को घुटनों के दर्द के साथ सालो तक रहना पड़ता है और इसी वजह से उनकी आम ज़िन्दगी बदतर हो जाती है। कई बार हमें ऐसी कहानियां सुनने को मिलती है जहां मरीज अपनी उम्मीद तक खो चूका होता है। लेकिन आज के समय में घुटनों के दर्द से जूझ रहे लाखों लोगों के लिए घुटना प्रत्यारोपण एक वरदान साबित हो रहा है। गुन्टूर, आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध ऑर्थोपेडिक सर्जन Dr Sivaiah Potla ने अपनी विशेषज्ञता से इस क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुआ है। उनकी सर्जरी से न केवल मरीजों को दर्द से राहत मिली है, बल्कि उनका जीवन भी बदल गया है। आइए जानते हैं उनके द्वारा किए गए कुछ सफल घुटना प्रत्यारोपण की प्रेरक कहानियां।

चिरुमामिला सिवैया, जो 20 वर्षों से दोनों घुटनों के दर्द से परेशान थे, ने 2013 में डॉ.सिवैया पोतला से बाइलेट्रल घुटना प्रत्यारोपण कराया। इस सर्जरी के बाद, वह एक नया जीवन जीने लगे। पिछले 12 वर्षों में, उन्होंने पांच बार सबरी पर्वत की चढ़ाई की, अपने व्यवसाय को संभाला, और रोजमर्रा के काम बिना किसी कठिनाई के किए। उनके शब्दों में, "डॉ.सिवैया ने मुझे एक नया जीवन दिया है।" 

2010 में एक दुर्घटना के बाद ACL रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी से अपनी जिंदगी वापस पाने वाले राजनीकांत ने कई बड़े अस्पतालों से परामर्श लिया, लेकिनअंततः डॉ. सिवैया पोतला के कुशल हाथों में अपनी सर्जरी करवाई। 15 साल बाद, वह सक्रिय जीवन जी रहे हैं और हाल ही में तिरुपति पर्वत की चढ़ाई कर अपनी खुशी साझा की। 70 वर्षीय दादीवेंकटेश्वरलु, जो 15 वर्षों से गंभीर घुटना दर्द और विकृतियों से पीड़ित थे, लगभग बिस्तर तक सीमित हो गए थे।

उनकी दोनों घुटनों की सर्जरी इतनी जटिल थी कि कई डॉक्टरों ने इसे चुनौतीपूर्ण बताया। लेकिन डॉ. सिवैयाने विशेष तकनीकों और इम्प्लांट्स का उपयोग कर इसे सफलतापूर्वक पूरा किया। आज, वेंकटेश्वरलु स्वतंत्र रूप से चल-फिर रहे हैं और एक खुशहाल जीवन जी रहे हैं। एक और महिला मरीज, जो 4-5 वर्षों से गंभीर घुटने के दर्द से जूझ रही थीं, ने डॉ.सिवैया की सलाह पर घुटना प्रत्यारोपण कराया। पहले कई डॉक्टरों से परामर्श के बावजूद उन्हें राहत नहीं मिली थी।

डॉ. सिवैया के इलाज ने न केवल उनका दर्द खत्म किया, बल्कि वह फिर से अपनी रोजमर्रा की जिंदगी आराम से जीने लगीं। एक अन्य मरीज, जो गंभीर एक्सीडेंट के बाद दोनों घुटनों में विकृतियों का सामना कर रहे थे, ने अपनी सर्जरी डॉ. सिवैया से करवाई। उनकी सर्जरी में विशेष आयातित इम्प्लांट्स और एडवांस्ड तकनीकों का उपयोग किया गया। सर्जरी के कुछ ही घंटों में वह चलने लगे।  मरीज ने बताया कि डॉक्टर का समर्पण और उनकी उन्नत उपचार प्रक्रिया ने उन्हें नया जीवन दिया। 

ये कहानियाँ यूट्यूब पर श्रीरामचन्द्र जॉइंटरिप्लेसमेंट सेण्टर इंटरनेटपर वायरल हो रही है। डॉ.सिवैया पोतला ने घुटना प्रत्यारोपण के क्षेत्र में अपनी असाधारण विशेषज्ञता से कई जिंदगियां बदली हैं। उनकी उन्नत सर्जरी तकनीक, मरीजों के प्रति समर्पण, और चुनौतीपूर्ण मामलों को संभालने की क्षमता ने उन्हें इस क्षेत्र में अग्रणी बनाया है। उनकी सफलता न केवल मरीजों के जीवन में बदलाव ला रही है, बल्कि घुटना प्रत्यारोपण के क्षेत्र को नई दिशा भी दे रही है।

टॅग्स :Health DepartmentAndhra Pradesh
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