पीलिया होने से पहले दिखने लगते हैं ये 10 लक्षण, जानलेवा बीमारी को जड़ से मिटा सकती हैं ये 5 चीजें

By उस्मान | Published: July 26, 2019 02:53 PM2019-07-26T14:53:02+5:302019-07-26T14:53:02+5:30

jaundice or hepatitis piliya or pilia treatment: पीलिया तब होता है, जब मेटाबोलिज्म और मल के साथ कुछ गलत होने के कारण शरीर में बिलिरुबिन बनने लगता है। इसकी वजह से शरीर का पीला रंग हो जाता है।

jaundice or hepatitis piliya or pilia treatment: causes, symptoms, risk factors, home remedies, natural remedies, ayurveda remedies, diet, test and foods for jaundice in Hindi | पीलिया होने से पहले दिखने लगते हैं ये 10 लक्षण, जानलेवा बीमारी को जड़ से मिटा सकती हैं ये 5 चीजें

फोटो- पिक्साबे

पीलिया एक गंभीर रोग है जो एक वायरस और शरीर में पित्त बढ़ने से होता है। पीलिया होने से शरीर मे कई बदलाव आने लगते हैं। त्वचा, श्लेष्मा झिल्ली, और आंखों के सफेद रंग का हिस्सा पीले रंग के हो जाते हैं और पीले रंग का पेशाब आता है। ये बीमारी बहुत ही जल्दी शरीर पर हावी हो जाती है। पीलिया होने पर मरीज को बुखार रहना, भूख न लगना, जी मिचलाना और कभी-कभी उल्टी होना, सिर में दर्द होना, आंख व नाखून का रंग पीला होना, पेशाब पीला आना, अत्‍यधिक कमजोरी, थकान और वजन कम होना जैसे लक्षण महसूस होने लगते हैं। 

पीलिया क्यों होता है?

रेड ब्लड सेल्स का विघटन लिवर में होता है और उसमे मौजूद हीमोग्लोबिन के टूटने से बिलिरुबिन बनता है। यह बिलिरुबिन लिवर से पित्त थैली में जाता है और फिर पित्त की नली से होता हुआ अंतड़ी में जाकर मल के साथ निकल जाता है। पीलिया तब होता है, जब मेटाबोलिज्म और मल के साथ कुछ गलत होने के कारण शरीर में बिलिरुबिन बनने लगता है। इसकी वजह से शरीर का पीला रंग हो जाता है। 

पीलिया के इलाज के लिए घरेलू उपाय

1) गिलोय या गुडूची
यह औषधि भारत सहित एशिया के कई देशों में पाई जाती है। इस पौधे की डंठल का पाउडर बनाया जाता है जिसे गुडूची सत्व कहा जाता है। एक अध्ययन के अनुसार, पीलिया से पीड़ित लोगों के इलाज के दौरान उन्हें दिन में 16 मिलीग्राम / किग्रा गुडूची दी गई। इससे मृत्यु दर 61।5 फीसदी से घटकर 25 फीसदी हो गई थी। इस पाउडर को गर्म पानी में मिलाकर दिन में दो बार लेना चाहिए लेकिन डॉक्टर की सलाह पर।

2) कुटकी
यह जड़ी-बूटी भारत के कई हिस्सों में पाई जाती है। इस जड़ी-बूटी का पीलिया सहित लीवर की बीमारियों के इलाज का लिए इस्तेमाल किए जाता है। शोधकर्ताओं के कहना है कि इसमें पिक्रोलिव तत्व पाया जाता है जिसका एंटी-कोलेस्टेटिक प्रभाव पड़ता है और यह ब्लॉक्ड डक्ट सिस्टम को ओपन करने में सहायक है जिस वजह से पित्त खून में जमा नहीं हो पाता है। इसके पाउडर को गर्म पानी में मिलाकर दिन में दो बार लेने से लाभ होता है।

3) वसाका
यह सदाबहार झाड़ी हिमालय क्षेत्र में पाई जाती है। इसका इस्तेमाल पीलिया के अलावा ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों के रोग के इलाज में किया जाता है। अगर आप किसी अन्य दवाओं का सेवन कर रहे हैं, तो आपको इसे लेने से बचना चाहिए। इसके पत्तों का पीलिया के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके पत्तों का दो औंस रस, मुलेठी की छाल का पाउडर, इतनी मात्रा में ही चीनी और आधा चम्मच शहद मिलाकर खाने से लाभ होता है।

4) पीपल का पत्ता 
आयुर्वेद में पीपल को एक औषधीय जड़ी बूटी माना गया है जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज में किया जा सकता है। पीपल में ग्लूकोज, एस्टेरियोड और मेनोस, फेनोलिक, विटामिन के, टैनिन और फेटोस्टेरोलिन जैसे गुण होते हैं। पीलिया जैसी गंभीर बीमारी में भी पीपल आपके काम आ सकता है। दरअसल पीपल के कोमल पत्तों का रस निकालकर उसमें मिश्री मिलाकर सेवन करने से पीलिया जल्दी ही खत्म हो जाएगा।  

5) मुलेठी
कैल्शियम, ग्लिसराइजिक एसिड, एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीबायोटिक, प्रोटीन, फैट, विटामिन बी, विटामिन ई, फॉस्फोरस, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, सेलेनियम, सिलिकॉन जैसे जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर मुलेठी का खांसी सहित कई रोगों के इलाज में किया जाता है। पीलिया रोग में 1 चम्मच मुलेठी का चूर्ण शहद के साथ मिलाकर या इसका काढ़ा पीने से पीलिया रोग में लाभ होता है। 2 से 5 ग्राम मुलहठी का चूर्ण पानी और मिश्री के साथ सेवन करने से पेट मे गैस कम हो जाती। 

Web Title: jaundice or hepatitis piliya or pilia treatment: causes, symptoms, risk factors, home remedies, natural remedies, ayurveda remedies, diet, test and foods for jaundice in Hindi

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