आज ही के दिन पहली बार 14 साल के बच्चे पर हुआ था 'इंसुलिन' दवा टेस्ट

By गुलनीत कौर | Updated: January 11, 2018 17:06 IST2018-01-11T17:05:17+5:302018-01-11T17:06:47+5:30

11 जनवरी, 1922 में इंसुलिन दवा का सफल इलाज कर वैज्ञानिकों ने दुनिया को दिया था एक वरदान।

Insulin first use in treatment of diabetes | आज ही के दिन पहली बार 14 साल के बच्चे पर हुआ था 'इंसुलिन' दवा टेस्ट

आज ही के दिन पहली बार 14 साल के बच्चे पर हुआ था 'इंसुलिन' दवा टेस्ट

वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO)की साल 2014 की रिपोर्ट के मुताबिक विश्व भर में डायबिटीज के 42 करोड़ रोगी हैं। और यह आंकड़े समय के साथ बढ़ते चले जा रहे हैं। एक समय था जब यह रोग बुजुर्गों को अधिक सताता था लेकिन आजकल खराब खान-पान के चलते युवा और यहां तक कि बच्चे भी इस रोग की चपेट में आ गए हैं। ऐसा नहीं है कि इस रोग का इलाज अनुपस्थित है लेकिन अमूमन लोगों के यह देरी से मालूम होता है कि वे शुगर/मधुमेह से ग्रस्त हैं। 

डायबिटीज - विशेष जानकारी

डायबिटीज दो तरह का होता है - टाइप-1 और टाइप-2, दोनों में से टाइप-2 के मामले अधिक होते हैं। दोनों का ही इलाज संभव है लेकिन टाइप-1 अधिक खतरनाक माना जाता है। लेकिन सोचिए अगर यह बीमारी ला-इलाज होती तो? तो शायद आज  के समय में इसे एक महामारी का नाम दे दिया जाता। बता दें कि ऐसा एक समाया जरूर था जब यह बीमारी एक महामारी का रूप ले रही थी और इसका पूर्ण इलाज कर पाना असंभव होता चला जा रहा था। तब कुछ ऐसा हुआ कि कोई सोच भी नहीं सकता है। 

जब पहली बार खोजा गया डायबिटीज रोग

साल 1869 बर्लिन में पहली बार मेडिकल की पढ़ाई कर रहे पॉल लंगेर्हंस ने अपनी स्टडी में बताया कि मनुष्य की पाचक ग्रंथि में कुछ अजीब कोशिकाएं जन्म लेती हैं। इन्हें बाद में 'इस्लेट्स ऑफ लंगेर्हंस' का नाम दिया गया।

साल 1889 में ऑस्कर मिंकोवस्की और जोसफ वोन मेरिंग ने जब एक कुत्ते की पाचक ग्रंथि पर अध्ययन किया तो पाया कि कुछ कोशिकाओं जिनमें शुगर मौजूद है वे कुत्ते की पाचक ग्रंथी को नष्ट कर रही हैं। 

इंसुलिन दवा का हुआ आविष्कार

इस तरह से साल 1916 तक पॉल लंगेर्हंस की खोज पर आगे काम होता गया लेकिन फिर पहले विश्व युद्ध के चलते इसपर विराम लग गया। आखिरकार वर्ष 1921 में फिरसे इसपर एक नया शोध सामने आया। 

'इस्लेट्स ऑफ लंगेर्हंस' को जब शुगर से पीड़ित कुत्ते की पाचक ग्रंथी पर आजमाया गया तो शुगर लेवल गिरने लगा। इस प्रयोग पर और काम करने पर आखिरकार एक दवा का आविष्कार हुआ। 

पहली बार हुआ इंसुलिन का इस्तेमाल

इस दवा को 11 जनवरी, 1922 में सबसे पहले 14 वर्षीय लियोनार्ड थोम्प्सन एक बच्चे पर आजमाया गया। इस बच्चे को टाइप-1 डायबिटीज था। इंसुलिन का यह पहला इलाज सफल रहा जिसके बाद लियोनार्ड और 13 वर्षों तक जीवित रहा। 

डायबिटीज के बारे में कुछ बातें काफी दिलचस्प हैं। एक शोध के अनुसार दुनिया भर में एक तिहाई लोग ऐसे हैं जो जानते ही नहीं है कि उन्हें डायबिटीज है। 

डायबिटीज का प्रभाव

डायबिटीज टाइप-2 के लक्षणों की कोई पहचान नहीं है। यह केवल टेस्ट से पता करना संभव है। और केवल 5 प्रतिशत लोग ही डायबिटीज के टाइप-1 से पीड़ित होते हैं। 

आज के दौर में डायबिटीज आंखों को सबसे अधिक प्रभाव पहुंचा रहा है। इसके बाद गुर्दे और पाचक ग्रंथी इसके निशाने पर सबसे ज्यादा रहते हैं। 

Web Title: Insulin first use in treatment of diabetes

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