सुंदरता के साथ अच्छी सेहत भी दिलाते हैं फूल, डायरिया, शुगर जैसी बीमारियों से लड़ने में सक्षम

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 7, 2019 10:45 AM2019-01-07T10:45:08+5:302019-01-07T10:45:08+5:30

फूलों का प्रयोग न केवल सौंदर्य बढ़ाने बल्कि चिकित्सा के क्षेत्र में भी किया जाता रहा है। फूलों की अलग-अलग प्रजातियां विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में सहायक होती हैं।

How to use flowers to get rid of diarrhoea, diabetes, kidney diseases and many more | सुंदरता के साथ अच्छी सेहत भी दिलाते हैं फूल, डायरिया, शुगर जैसी बीमारियों से लड़ने में सक्षम

सुंदरता के साथ अच्छी सेहत भी दिलाते हैं फूल, डायरिया, शुगर जैसी बीमारियों से लड़ने में सक्षम

(ज्योत्सना)

प्रकृति की बेहद खूबसूरत सौगात रंग-बिरंगे महकते फूल केवल आंखों को ही शीतलता नहीं देते बल्कि सेहत की दृष्टि से भी लाजवाब होते हैं।

कमल

कीचड़ में खिलने वाला कमल डायरिया को दूर करने और गर्मी के कारण झुलसी त्वचा को निखारने में मददगार साबित होता है। डायरिया के उपचार के लिए कमल के बीजों को गर्म पानी में डाल कर उसमें काला नमक मिलाया जाता है। इसमें चाय की पत्ती डालकर उबाल कर इसका सेवन करने से डायरिया ठीक हो जाता है। कमल की पत्तियों को पीस कर उसे झुलसी त्वचा पर लगाने से त्वचा की गर्मी दूर हो जाती है और झुलसने का निशान भी चला जाता है। आजकल शरीर से अतिरिक्त वसा कम करने की दवाइयों में भी कमल की पत्तियों का प्रयोग होता है।

गुलाब

फूलों के राजा गुलाब का भी चिकित्सा के क्षेत्र में अहम योगदान है। गुलाब में पाया जाने वाला हिप (बेरी जैसा फल) लगभग सभी तरह के विटामिन से भरपूर होता है। डिप्रेशन एग्जाइटी व नकारात्मकता से बाहर लाने के लिए की जाने वाली अरोमा थेरेपी में भी गुलाब का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। गुलाब की कलियां विटामिन सी से भरपूर होती हैं। इन कलियों को स्कर्वी दूर करने के एक प्रमुख तत्व के तौर पर शामिल किया जाता है। गुलाब की कलियों का अर्क गुर्दे की बीमारी की दवाइयों को बनाने में भी इस्तेमाल होता है।

हरसिंगार

पारिजात यानी हरसिंगार के फूल बहुत नजाकत भरे होते हैं। इन फूलों की छोटी-छोटी डंडियां केसरिया रंग की होती हैं। इन डंडियों को शरीर पर मलने से गठिया में लाभ होता है। इन फूलों का काढ़ा कई रोगों में लाभ पहुंचाता है।

रातरानी

रातरानी के फूल शुगर के मरीजों के लिए रामबाण का काम करते हैं। मधुमेह के रोगी अगर नित्य सुबह खाली पेट पांच फूल रातरानी के खाएं तो उनकी मधुमेह नियंत्रित रहती है। अगर सुबह रातरानी के सुगंधित जल से स्नान किया जाए तो दिन भर शरीर में ताजगी का एहसास रहता है व पसीने की दरुगध से भी छुटाकारा मिलता है।

चम्पा

यह तीन रंगों सफेद, लाल व पीले रंगों में पाया जाता है। पीले रंग की चम्पा को स्वर्ण चम्पा कहा जाता है और ये बहुत ही कम नजर आता है। चम्पा के फूलों को सुखाकर चूर्ण बनाएं और तेल में मिलाकर खुजली वाले हिस्से पर लगाने से काफी आराम मिलता है। स्वर्ण चम्पा कुष्ठ रोग में भी कारगर सिद्ध होता है।

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चमेली

खुशबू से भरे ये फूल बेहद नाजुक होते हैं। चमेली के फूलों से बना तेल चर्म रोग, दंत रोग, घाव आदि पर गुणकारी है। चमेली के पत्ते चबाने से मुंह के छालों में तुरंत राहत मिलती है।

सावधानियां

- किसी भी फूल का भोजन में प्रयोग तभी करें, जब आप उसके बारे में पूरी तरह से आश्वस्त हो जाएं कि यह खाने योग्य है।
- भोजन में प्रयोग करने के लिए फूलों को कभी किसी ऐसी जगहों से न खरीदें जहां पर फूलों को कीड़ों से बचाने के लिए कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग किया जाता है।
- फूलों को खाने में प्रयोग करने से पहले उनके तने और पिस्टिल निकाल दें क्योंकि अधिकांश फूलों की सिर्फ पत्तियों ही खाने योग्य होती हैं।
- यदि खाने में पहली बार फूलों का उपयोग कर रही हैं तो एक ही प्रकार के फूल लें क्योंकि अधिक मात्र में फूलों का उपयोग आपके पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है।
- फूलों को पूरी तरह खिलने के बाद ही प्रयोग में लाएं, मुरझाए फूल या कलियों को प्रयोग में न लाएं।
- इनका उपयोग करने से पहले विशेषज्ञ का परामर्श जरूर लें। 

English summary :
Flowers health Benefits: Flowers are not only used to enhance beauty but also use as herbal medicine. Different species of flowers are helpful in solving various health problems.


Web Title: How to use flowers to get rid of diarrhoea, diabetes, kidney diseases and many more

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