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बरसात के मौसम में कैसे रखें अपना ख्याल, कैसे रहे बीमारियों से दूर, जानिए यहां

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: July 18, 2022 20:08 IST

मानसून में होने वाली बीमारियों से बचने के लिए जरूरी है कि हम अपने शरीर की इम्यूनिटी को कायम रखें और इसके लिए जरूरी है कि इस मौसम में ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां का उपयोग करें।

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ठळक मुद्देसावन के मौसम में की गई आपकी छोटी-सी लापरवाही बीमार बना सकती हैइसलिए बरसात में अपने शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाने का प्रयास करेंआप बाजार में उपलब्ध मौसमी सब्जियों और फलों का प्रयोग करके खुद को स्वस्थ्य रख सकते हैं

दिल्ली:मानसून यानी सावन के बरसते महीने में खान-पान को लेकर बहुत सावधान रहना चाहिए क्योंकि बदलते मौसम में की गई छोटी-सी लापरवाही आपको बीमार बना सकती है। ऐसे वक्त मौसम में ज्यादा नमी के कारण आपको सर्दी-खांसी या जुकाम का खतरा हमेशा बना रहता है। अगर मौसम में खुद का ध्यान न रखा जाए तो बुखार, सिर दर्द और गले की बिमारियां आसानी से हो सकती हैं।

इसलिए मानसून में होने वाली बिमारियों से बचने के लिए हमें अपने शरीर की इम्यूनिटी को कायम रखने के लिए जरूरी उपाय करने चाहिए। इस मौसम में हरी सब्जियां भी बाजार में उपलब्ध होती हैं। सावन के महीने में अरबी की सब्जी खाने से आपके शरीर को जरूरी रोग-प्रतिरोधक क्षमता आसानी से मिल जाती है।

दरअसल यह सब्जी लस से भरपूर होती है, जो प्राकृतिक रूप से स्निग्धता बढ़ाने वाला पदार्थ होता है और सावन के महीने में हड्डियों और त्वचा को हेल्दी रखने में यह बहुत सहायक होता है।

आयुर्वेद कहता है कि अरबी के कारण शरीर में वात बढ़ाता है। इसकी सब्जी से शरीर में अपच या दर्द की समस्या पैदा हो सकती है। इसलिए इस बात का भी द्यान रखें कि जब भी अरबी की सब्जी बनाएं, उसमें अजवाइन का छौंक जरूर हो। लेकिन साथ में यह भी याद रखें कि अरबी की सब्जी में कभी भी देसी घी का प्रयोग न करें क्योंकि इससे बात की समस्या हो सकती है।

सावन में केवल अरबी ही नहीं बल्कि भिंड्डी भी बेहद फायदेमंद होती है। आयुर्वेद के मुताबिक पाचन और गुणों के हिसाब से सावन के महीने में खूब भिंड्डी खानी चाहिए। सावन के महीने में भिंड्डी खाने से हमें अधिक पोषण प्राप्त होता है। लेकिन अरबी की तरह ही भिंड्डी में भी देसी घी के प्रयोग से बचें तो बेहतर होगा।

बरसात के मौसम में तुरई, लौकी और टिंडा भी फायदेमंद साबित होता है। यह सभी सब्जियां हमारे पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में सहायक होती हैं और पौष्टिक गुणों से भरपूर होती हैं। आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि बच्चे इन सब्जियों को खाना पसंद नहीं करते हैं।

इसके पीछे एक कारण यह भी है कि बचपन से ही उनमें इन सब्जियों के खाने की आदत नहीं डाली जाती है। अक्सर देखा जाता है कि परिवार में बड़े लोग भी इन सब्जियों को खाने से बचते हैं तो भला ऐसे में बच्चे इन सब्जियों को कैसे खाएंगे। इन सब्जियों को न खाने की वजह से बच्चों के शरीर में पोषण की कमी हो सकती है।

अब जब सावन की सब्जियों की बात चल रही है तो लगे हाथ फलों की भी बात कर लेते हैं। बरसात के मौसम में उन फलों को खाने से बचना चाहिए, जो आमतौर पर शरीर को ठंडक देने वाले होते हैं। मसलन खरबूजे, तरबूज आदि। बरसात के मौसम में अगर फलों का आनंद उठाना है तो आप सेब, नाशपाती, चेरी, लीची, अंजीर, संतरा, पपीता आदि फलों का मजा ले सकते हैं।

स्वास्थ विशेषज्ञ कहते हैं कि मानसून की बारिश हमारे शरीर को आने वाली सर्दियों के लिए खुद को ढ़ालने के लिए हथियार के तौर पर काम करती है। इसलिए बारिश के मौसम में हमें आंवला, सहजन, दालचीनी, हल्दी और काली मिर्च के साथ चाय की चुस्की का भी आनंद लेना चाहिए। ये हमारे इम्यून सिस्टम को बढ़ाने के लिए फायदेमंद साबित होते हैं।

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Lokmat Hindi News इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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