एरिथमिया और ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए सिर्फ 3 दिन इतने नट्स खायें
By उस्मान | Published: May 28, 2018 03:19 PM2018-05-28T15:19:26+5:302018-05-28T15:19:26+5:30
शोधकर्ताओं के अनुसार हफ्ते में तीन दिन नट्स खाने से एट्रियल फाइब्रिलेशन का जोखिम 18 फीसदी कम होता है
एक अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग नियमित रूप से कम मात्रा में नट्स खाते हैं, उन्हें अनियमित दिल की धड़कन को कम करने में मदद मिलती है, यह स्ट्रोक का एक प्रमुख कारण है। शोधकर्ताओं के अनुसार हफ्ते में तीन दिन नट्स खाने से एट्रियल फाइब्रिलेशन का जोखिम 18 फीसदी कम होता है, इस स्थिति को अक्सर अनियमित दिल की धड़कन के रूप में महसूस किया जाता है। शोधकर्ताओं के अनुसार आपको नट्स खाने के साथ-साथ फिजिकल रूप से भी एक्टिव रहना चाहिए। आपको वजन कंट्रोल रखना चाहिए और अल्कोहल से बचना चाहिए।इसके अलावा आपको अपनी डाइट में फल और सब्जियां शामिल करनी चाहिए। इससे आपको हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को कम करने में मदद मिलती है।
स्ट्रोक क्या है?
स्ट्रोक या ब्रेन स्ट्रोक तब होता है, जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्तप्रवाह कम हो जाता है या फिर मस्तिष्क के किनारे में रक्तप्रवाह में लीकेज हेमरेज होता है। स्ट्रोक की वजह से मस्तिष्क के किसी हिस्से पर पड़ने वाले असर के मुताबिक यह शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। इसका सबसे गहरा असर शरीर में लकवा होने पर नजर आता है, लेकिन इसका असर हमारे चलने, बोलने की क्षमता का कम होना, हमारे चेहरे के हिस्से में बदलाव होना आदि में भी देखा जा सकता है। स्ट्रोक होने पर मरीज को चार घंटो के भीतर डॉक्टर के पास पहुंचाना होता है। इन चार घंटों को गोल्डन आवर माना जाता है। इस दौरान स्ट्रोक ठीक हो सकता है। स्ट्रोक दो प्रकार का होता है-
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1) इस्केमिक स्ट्रोक
80 फीसदी स्ट्रोक जो होते हैं, वो इस्केमिक स्ट्रोक होते हैं क्योंकि यह हमारे मस्तिष्क तक रक्त पहुंचने वाली एक आर्टरी में रक्त का क्लोट्स बनने की वजह से होते हैं।
2) हेमरेजिक स्ट्रोक
20 फीसदी स्ट्रोक हेमरेजिक स्ट्रोक के कारण होते हैं, जिससें ब्लड क्लोट्स की वजह से आर्टरी में नुकसान होता है या फिर हमारे मष्तिष्क में हैमरेज होता है।
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ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
- चलने में परेशानी
- संतुलन की कमी
- बोलने में दिक्कत
- सिर में अत्यधिक दर्द का होना
- शरीर के एक हिस्से में लकवा
- अस्पष्ट दृष्टि
(फोटो- पिक्साबे)