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करंट लगने, कटने, जलने, मिर्गी, बेहोशी, जहर फैलने, डूबने, दम घुटने पर तुरंत करें ये काम, बच जाएगी मरीज की जान

By उस्मान | Updated: October 17, 2018 08:05 IST

कटना, चोट लगना, जलना, बेहोशी या दम घुटना रोजमर्रा का हिस्सा हैं। जब कोई व्यक्ति घायल या अचानक बीमार पड़ जाता है, तो चिकित्सकीय मदद से पहले का समय बेहद महत्वपूर्ण होता है। यही वह समय होता है जब पीड़ित पर पूरा ध्यान दिया जाना चाहिये।

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कटना, चोट लगना, जलना, बेहोशी या दम घुटना रोजमर्रा का हिस्सा हैं। जब कोई व्यक्ति घायल या अचानक बीमार पड़ जाता है, तो चिकित्सकीय मदद से पहले का समय बेहद महत्वपूर्ण होता है। यही वह समय होता है जब पीड़ित पर पूरा ध्यान दिया जाना चाहिये। इस मेडिकल भाषा में फर्स्ट ऐड यानी प्राथमिक उपचार कहा जाता है। सभी के लिए प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी होना बहुत जरूरी होता है क्योंकि जीवन में अचानक दुर्घटनाएं होती रहती हैं। कब क्या हो जाए किसी को नहीं पता। इसलिए आपको अपने दफ्तर, कारखाने, घर और स्कूल में एक सुलभ प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स रखना चाहिए। हम आपको रोजमर्रा की जिंदगी में होने वाली ऐसी घटनाओं के लिए प्राथमिक उपचारों के जानकारी दे रहे हैं ताकि समय रहते पीड़ित को बड़ी समस्या यहां तक कि मौत के खतरे से बचाया जा सके। 

1) कटने और छिलने पर प्राथमिक उपचारपूरे भाग को साबुन तथा गुनगुने पानी से साफ करें ताकि धूल हट जाये। घाव पर सीधे तब तक दबाव डालें, जब तक खून का बहना बंद न हो जाये। घाव पर असंक्रामक पट्टी बांधें। यदि घाव गहरा हो तो जल्दी से चिकित्सक से संपर्क करें। छिलना या जख्म होने पर साबुन और गुनगुने पानी से धोयें। यदि खून बह रहा हो तो इसे संक्रमण से बचाने के लिए पट्टी से ढंक दें।

2) जलने पर प्राथमिक उपचारघायल हिस्से पर ठंडा पानी डालें। यह बाल्टी या कटोरा या रसोई की सिंक का इस्तेमाल कर या सामान्य नल के नीचे जले हुए स्थान को रखकर किया जा सकता है । जले हुए हिस्से को कम से कम पन्द्रह मिनट तक ठंडे पानी में रखना चाहिए। यदि घायल हिस्से को पानी के नीचे लाना कठिन हो, तो साफ चाय के कपड़े या मुलायम कपड़े को ठंडे पानी में भिंगोएं और घायल हिस्से पर इसे रखें। अंगूठी, हार, जूते और तेज फिटिंग वाले कपड़ों को जल्द से जल्द हटा दें क्योंकि बाद में सूजन बढ़ने के कारण उन्हें निकालना मुश्किल हो सकता है। जब दर्द बंद हो जाए तो जले हुए हिस्से को सावधानीपूर्वक कपड़े से कवर करें। बड़ा हिस्सा या गहरे जले को जब पानी से साफ कर दिया जाए तो उसे साफ हल्के कपड़े, हाल ही में लांडरी से साफ किए गए मुलायम कपड़े से ही ढंकें। डॉक्टर को बुलाएं या एम्बुलेंस के लिए कॉल करें।

3) बेहोश होने पर प्राथमिक उपचार होश खोने से पहले मरीज शिकायत कर सकता है। सिर का सुन्न होना, कमजोरी, मतली, त्वचा का रंग फीका पड़ना। यदि कोई व्यक्ति मूर्छित हो रहा हो, तो उसे आगे की ओर झुकना चाहिए और सिर को घुटनों में लेने की कोशिश करनी चाहिए। चूंकि सिर हृदय से नीचे हो जायेगा, इसलिए खून मस्तिष्क में जाएगा। जब मरीज बेहोश हो जाये तो मरीज के सिर को नीचे और पैर को ऊपर की ओर रखें, तंग कपड़ों को ढीला कर दें, चेहरे और गर्दन पर ठंडा व भींगा कपड़ा रखें। अधिकांश मामलों में इस स्थिति में रखा गया मरीज कुछ देर बाद होश में आ जाता है। यह सुनिश्चित करें कि मरीज को पूरी तरह होश आ गया है। इसके लिए उससे सवाल करें और उसकी पहचान पूछें। किसी चिकित्सक से सलाह लेना हमेशा लाभकारी होता है। 

4) मिर्गी के लिए प्राथमिक उपचार मिरगी या अचानक बीमार पड़ने के कारण  यदि मरीज सांस लेना बंद कर दे, तो खतरनाक हो सकता है। इसके लक्षणों में मांसपेशियां सख्त होना, मरीज अपनी जीभ काट सकता है या सांस लेना बंद कर सकता है, चेहरा और जीभ का रंग नीला पड़ना, मुंह से बहुत अधिक झाग निकलने आदि हैं। इस उपचार में आपको सबसे पहले आप मरीज के पास से ठोस चीजें हटा दें और उसके सिर के नीचे कोई नरम चीज रखें। दांतों के बीच या मरीज के मुंह में कुछ न रखें। मरीज को कोई तरल पदार्थ न पिलायें। यदि मरीज की सांस बंद हो, तो देखें की उसकी श्वास नली खुली है और उसे कृत्रिम सांस दें। शांत रहें और मदद आने तक मरीज को सुविधाजनक स्थिति में रखें। कंपकंपी के अधिकांश मामलों के बाद मरीज बेहोश हो जाता है या थोड़ी देर बाद फिर से कंपकपी शुरू हो जाती है।

5) जहर खाने पर प्राथमिक उपचारजब पीड़ित होश में हो, तो यह जानने की कोशिश करें कि उसने क्या और उसे कितनी मात्रा में निगला है। यदि पीड़ित के आसपास कोई टैबलेट, खाली बोतल या कोई खाली डिब्बा रखा हो, तो अस्पताल में जांच के लिए उसे रखें। यह उस ज़हर को पहचानने में मदद कर सकता है जिसे लिया गया है। पीड़ित के मुंह को जांचे। यदि कोई जले हुए का निशान दिखे और यदि वह कुछ निगल सकता हो तो उसे उतना दूध या पानी दें जितना वह पी सके। पीड़ित को उल्टी करवानी चाहिए। उल्टी को कूड़ेदान या प्लास्टिक बैग में रखें और अस्पताल में जांच के लिए अपने पास रखें। यह जो भी ज़हर लिया गया है, उसे पहचानने में मददगार साबित हो सकती है। पीड़ित को जितना जल्दी हो सके उतनी जल्दी अस्पताल ले जाना चाहिए।

6) बिजली का झटका लगने पर प्राथमिक उपचारजब पीड़ित किसी बिजली के उपकरण या तार के पास बेहोश लेटा हो, तो इसे पहचानना सामान्यत: आसान होता है। इलाज के लिए पीड़ित का स्पर्श करने से पहले बिजली की आपूर्ति को बंद करना याद रखें। यदि पीड़ित सांस ले रहा हो, तो उसे रिकवरी पोजिशन में लिटाएं। यदि पीड़ित ने सांस लेना बंद कर दिया हा, तो उसे मुंह से सांस देना तुरंत शुरू करें और दिल पर बार-बार दबाव दें। डॉक्टरी सहायता के लिए एम्बुलेंस बुलाएं।

7) डूबने पर प्राथमिक उपाचार हवा का रास्ता साफ करें और जांचें कि पीड़ित सांस ले रहा है या नहीं और दिल धड़क रहा है या नहीं। यदि पीड़ित ने सांस लेना बंद कर दिया हो, तो उसे मुंह से सांस देना तुरंत शुरू करें और दिल पर बार-बार दबाव दें। यदि पीड़ित केवल बेहोश हुआ हो, तो पानी निकालने के बाद उसे रिकवरी पॉजिशन में लिटा देना चाहिए। तुरंत एक डॉक्टर या एक एम्बुलेंस को बुलाएं।

8) दम घुटने पर प्राथमिक उपचारमरीज के पीछे खड़े हों और उसकी कमर के चारों तरफ हाथ रखें। सबसे पहले हथेली को पेट पर रखें और अंगूठे से पेट के बीच में नाभि से ऊपर लेकिन छाती की हड्डियों के नीचे दबायें। अपनी हथेली को जमाये रखें और ऊपर-नीचे करते हुए तेजी से अपने दोनों हाथों को अपनी ओर खींचें। यह प्रक्रिया उस समय तक जारी रखी जाये, जब तक मरीज के गले में फंसी चीज बाहर न निकल जाये या मरीज बेहोश न हो जाये। 

(Source- hi।vikaspedia.in) 

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