बच्चे को दूध के साथ बिस्कुट खिलाना सेहत के लिए हानिकारक! हो सकता है मिल्क बिस्किट सिंड्रोम शिकार, जानें लक्षण और बचाव के टिप्स

By आजाद खान | Published: June 14, 2023 03:18 PM2023-06-14T15:18:26+5:302023-06-14T15:27:49+5:30

जानकारों की अगर माने तो बच्चों के माता-पिता को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कहीं उसका बच्चा इस सिंड्रोम का शिकार न हो जाए। इस हालत में जब बच्चों में ऐसी लत लग जाए तो इसमें डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

Feeding biscuits with milk to child injurious to health victim of milk biscuit syndrome know | बच्चे को दूध के साथ बिस्कुट खिलाना सेहत के लिए हानिकारक! हो सकता है मिल्क बिस्किट सिंड्रोम शिकार, जानें लक्षण और बचाव के टिप्स

फोटो सोर्स: WikiMedia Commons (https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Cookies_And_Milk_%28198969023%29.jpeg)

Highlightsबच्चों को दूध और बिस्कुट एक साथ खिलाना हानिकारक है!जानकार बच्चों में इसकी लत को खराब मानते है और इसे मिल्क-बिस्किट सिंड्रोम करार देते हैं। उनके अनुसार, इससे बच्चों में काफी समस्या भी हो सकती है जिसे लेकर किसी डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है।

Milk Biscuit Syndrome:  दूध को बच्चों के लिए काफी हेल्दी माना जाता है और उन्हें इसे देने की सलाह दी जाती है। लेकिन क्या आप जानते है कि कुछ बच्चे दूध नहीं पीना चाहते है और उन्हें दूध पीने के लिए उनके माता-पिता उन्हें बिस्किट, कुकीज या और कुछ मीठे की लालच देते है ताकि वे तैयार हो जाए और दूध पीने लगे। ऐसे में इस लालच में बच्चे दूध के लिए तैयार भी हो जाते है और वे पी भी लेते हैं। 

आपको बता दें कि दूध और मीठे चीजों का मिलाजुला स्वाद बच्चों को बहुत पसंद आता है और वे इसकी आदत डाल लेते है जो उनके सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक होता है। ऐसे में बच्चों के इस आदत को मेडिकल की भाषा में मिल्क-बिस्किट सिंड्रोम कहा जाता है। यह एक ऐसा सिंड्रोम होता है जिसकी जानकारी बच्चों के माता-पिता को भी नहीं होता है। ऐसे में आइए जानते है कि क्या है ये मिल्क-बिस्किट सिंड्रोम और क्या है इसके लक्षण और बचने का तरीका, इन सब की जानकारी लेते है। 

क्या है मिल्क-बिस्किट सिंड्रोम?

ये एक ऐसा सिंड्रोम है जो बच्चों में दूध, मीठे प्रेजर्वेटिव, शुगर, मैदा और अनहेल्दी फैट्स को लेने से होता है। ये सब चीजें बच्चों के पेट में एसिड पैदा करती हैं। यह समस्सा कभी कभी बच्चों के गले से ऊपर भी चली जाती है जो काफी गंभीर रूप ले लेती है। यही नहीं इससे बच्चों के सीने भी जलने लगते है। 

इसके अलावा बच्चों में यह भी देखा जाता है कि उनका नाक बहने लगता है, छाती में कफ जमने लगता है और खांसी या गले में खराश जैसी समस्या भी होने लगती है। यही नहीं सोडा, सॉफ्ट-ड्रिंक, फ़्लेवर-योगर्ट, फ़्रो्ज़न-मलाई-पनीर का सेवन करने से भी बच्चों में मिल्क-बिस्किट सिंड्रोम हो सकता है। 

मिल्क-बिस्किट सिंड्रोम के लक्षण और बचने के उपाय

मिल्क-बिस्किट सिंड्रोम के लक्षण- जब बच्चों द्वारा रात में सोने से पहले मिल्क-बिस्किट का मांगना, हर समय मिल्क-बिस्किट ही पसंद करना, मेहनत के समय में मिल्क-बिस्किट पसंद करना, बिना मिल्क-बिस्किट के दूध नहीं पीना और खाने की जगह मिल्क-बिस्किट ही खाने की मांग की जाए तो यह समझ लें कि उन्हें मिल्क-बिस्किट सिंड्रोम हो गई है। 

मिल्क-बिस्किट सिंड्रोम के कारण होने वाली समस्या- दांतों का सड़ना, कब्ज़ होना, मोटापा होना, शुगर की बीमारी होना और इम्यूनिटी कम होना जैसी कुछ समस्या है जो इस सिंड्रोम के होने से बच्चों में देखने को मिलती है। ऐसें अगर आपके बच्चें इस समस्या से परेशान है तो इस हालत में आप डॉक्टर से सलाह लें, डॉक्टर या न्यूट्रीशनिस्ट आपको एक ख़ाने का प्लान देंगे। उस प्लान के हिसाब से अपने बच्चे को खाना खिलाएं। कुछ समय के लिए मिल्क-बिस्किट का सेवन कम करें। उन्हें फल, सलाद, प्रोटीन, फ़ाइबर, पानी और जरूरत के हिसाब से ख़ाना ख़िलाएं। 

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Lokmat Hindi News इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले या इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए डॉक्टरों से जरूर संपर्क करें।)
 

Web Title: Feeding biscuits with milk to child injurious to health victim of milk biscuit syndrome know

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