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Covid-19: ट्रम्प को दी जा रही 'रेमडेसिविर थेरेपी', स्वास्थ्य में हो रहा सुधार, जानें कोरोना मरीजों के लिए कितनी कारगर है दवा

By उस्मान | Updated: October 3, 2020 15:35 IST

कोरोना वायरस की दवा : एक अध्ययन में पाया गया है कि रेमडेसिविर की दवा निमोनिया जैसे लक्षणों को कम करती है

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ठळक मुद्देरेमडेसिविर थैरेपी से हो रहा है इलाज ट्रम्प का इलाज

कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को एक सैन्य अस्पताल में भर्ती किया गया है, उन्हें रेमडेसिविर थेरेपी दी जा रही है और उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। व्हाइट हाउस के चिकित्सक ने यह जानकारी दी। 

ट्रम्प प्रशासन ने इस साल की शुरुआत में रेमडेसिविर को आपातकालीन उपयोग के लिए अधिकृत किया था। इस दवा द्वारा अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस के मरीजों पर असर दिखाने और उनकी सेहत में सुधार के बाद यह कदम उठाया गया था। 

रेमडेसिविर थैरेपी से हो रहा है इलाज

व्हाइट हाउस के चिकित्सक सीन कॉनली ने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों ने राष्ट्रपति के इलाज के लिए रेमडेसिविर थैरेपी की अनुशंसा की है। एहतियात के तौर पर राष्ट्रपति को सैन्य अस्पताल ले जाये जाने के बाद पहली बार कॉनली ने कहा, 'आज शाम, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि राष्ट्रपति की सेहत में सुधार हो रहा है।' 

विशेषज्ञों के परामर्श पर दी जा रही है रेमडेसिविर

उन्होंने कहा, 'उन्हें किसी अनुपूरक ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों के परामर्श से हमने रेमडेसिविर थैरेपी शुरू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने अपनी पहली खुराक पूरी कर ली है और आराम कर रहे हैं।' 

कोरोना के इलाज में कितनी कारगर है रेमडेसिविर

कोरोना के मरीजों को रेमेडिसीवर, हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन और पेरासिटामोल जैसी दवाएं दी जा रही हैं। एक अध्ययन में पाया गया है कि एंटीवायरस दवा  'रेमेडिसीवर' सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित लंगूरों में वायरस की मात्रा कम करता है और उन्हें फेफड़ों का रोग नहीं होने देता। 

निमोनिया नहीं होने देती रेमडेसिविर

जर्नल 'नेचर' में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि कोरोना वायरस के मरीजों को शुरू में ही यह दवा देने से उन्हें निमोनिया नहीं होता। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि रेमेडिसीवर का दायरा काफी व्यापक है और यह पशुओं में सार्स-सीओवी और मेर्स-सीओवी में संक्रमण को रोकने में काफी प्रभावी साबित हुई है।

फेफड़ों को नुकसान से बचने में सहायक

उन्होंने बताया कि दवा का परीक्षण कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों में किया जा रहा है। अनुसंधानकर्ता एमी डी विट और उनके सहयोगियों ने रेमेडिसीवर के प्रभाव का बंदरों की पुरानी प्रजाति पर अध्ययन किया और पाया कि जिन लंगूरों को यह दवा दी गई उनमें सांस संबंधी बीमारी के लक्षण नहीं पाए गए और उनके फेफड़ों को भी कम क्षति पहुंची है।

मरीजों में पांच दिन में लक्षणों में सुधार देखा गया

रेमेडीसिविर एक एंटीवायरल दवा है जिसका इस्तेमाल वायरल संबंधी रोगों में किया जाता है। अमेरिका के कैलिफोर्निया की एक बायोटेक कंपनी का कहना है कि इसकी प्रायोगिक दवा रेमेडीसिविर को कोविड-19 से मामूली रूप से बीमार, अस्पताल में भर्ती मरीजों को पांच दिन तक देने पर लक्षणों में सुधार देखा गया है।  

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

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