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Covid delta variant symptoms: कोरोना के सबसे घातक रूप 'डेल्टा वैरिएंट' के 8 लक्षणों को समझें और बचाव करें

By उस्मान | Updated: August 26, 2021 11:15 IST

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने डेल्टा वैरिएंट को कोरोना का अब तक का सबसे घातक रूप बताया है

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ठळक मुद्देWHO ने डेल्टा वैरिएंट को कोरोना का अब तक का सबसे घातक रूप बताया किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करेंतीसरी लहर का कारण बन सकता है यह रूप

कोरोना वायरस की तीसरी ल आहार कभी भी आ सकती है। भारत में तीसरी लहर के लिए कोरोना के डेल्टा वैरिएंट को माना जा रहा है। एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि तीसरी लहर अक्टूबर में आ सकती है और इसके लिए तैयारी जरूरी है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी माना है कि कोरोना का डेल्टा वैरिएंट बेहद खतरनाक है। डब्यूएचओ के महानिदेशक टेडरोस आधानोम घेबरेसस ने हाल ही में बताया था कि कोरोना वायरस का भारत में पहली बार पाया गया 'डेल्टा' स्वरूप अब तक का सबसे संक्रामक प्रकार है। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अब यह स्वरूप कम से कम 85 देशों में फैल रहा है।

कोविड-19 डेल्टा प्लस वैरिएंट लक्षण

कोरोना वायरस का रूप बदलने के बाद लक्षणों में भी बदलाव हुआ है। इसके कई लक्षण कई सामान्य बीमारियों से मिलते-जुलते हैं।इसलिए आपको अपने बचाव के लिए लक्षणों के बारे में जानकारी होनी चाहिए।

डेल्टा प्लस वैरिएंट सामान्य लक्षण

सूखी खांसी, बुखार और थकान

डेल्टा प्लस वैरिएंट के कम लक्षण

ऊपर बताये गए लक्षणों के अलावा डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कुछ कम सामान्य लक्षण बताये हैं जिनमें दर्द, त्वचा पर चकत्ते, पैर की उंगलियों और उंगलियों का मलिनकिरण, गले में खराश, गले की खराश, स्वाद और गंध की हानि, दस्त और सिरदर्द आदि शामिल हैं।

डेल्टा प्लस वैरिएंट के गंभीर लक्षण

ऊपर बताए गए लक्षणों के अलावा, वायरस के कुछ घातक लक्षण भी होते हैं। सीने में दर्द, सांस फूलना या सांस लेने में तकलीफ और बोलने में तकलीफ ये गंभीर लक्षण हैं।

डेल्टा प्लस क्या है ?

वैज्ञानिकों ने इसे 'डेल्टा प्लस' 'एवाई.1' नाम दिया है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि कोरोना का यह घातक रूप तीसरी लहर का कारण बन सकता है। डेल्टा प्लस' प्रकार, वायरस के डेल्टा या 'बी1.617.2' प्रकार में उत्परिवर्तन होने से बना है जिसकी पहचान पहली बार भारत में हुई थी और यह महामारी की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार था। इस जीनोम का सबसे पहला क्रम इस साल मार्च के अंत में यूरोप में पाया गया था।

डेल्टा का अधिक जोखिम किसे है?

यूके के अधिकारियों द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, डेल्टा वैरिएंट अधिक खतरनाक है। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड का दावा है कि कम उम्र के लोगों, बिना टीकाकरण वाले और आंशिक रूप से टीकाकरण वाले व्यक्तियों को संक्रमण का खतरा अधिक होता है।

फरवरी की शुरुआत और मध्य जून के बीच 92,029 मामलों का मूल्यांकन किया गया जो डेल्टा संस्करण के थे। जिनमें से 82,500 मामले उन लोगों में सामने आए जिनकी उम्र 50 वर्ष से अधिक थी और उनमें से अधिकांश का टीकाकरण नहीं हुआ था।

हालांकि, डेटा ने बताया कि डेल्टा प्रकार के कारण होने वाली मौतों के 117 मामले थे, जिनमें से अधिकांश 50 वर्ष से अधिक थे। अब तक, 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 6 लोग 50 से कम और बिना टीकाकरण वाले थे, जबकि 2 को आंशिक रूप से टीका लगाया गया था।

डेल्टा प्लस से बचने के उपाय

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि जब डेल्टा प्लस कोरोना वायरस वैरिएंट से लड़ने की बात आती है, तो फेस मास्क पहनना और वैक्सीन लगवाना जैसे इससे बचने के उपाय हैं।

 कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन से धोते रहें। - हो सके तो घर से बाहर ही न निकलें और अगर जा भी रहे हैं, तो मास्क पहनकर जायें और सैनिटाइजर साथ रखें। - अपने मास्क और किसी भी चीज को छूने से बचें। - संक्रमित लोगों और अन्य लोगों से कम से कम मीटर की दूरी बनाकर रखें।- छींकते या खांसते समय अपने मुंह को रुमाल या टिश्यू पेपर से कवर करें और टिश्यू पेपर को सही जगह फेंके। - अगर आपका स्वास्थ्य पहले से ही खराब है तो आप घर के अंदर ही रहें। - स्मोकिंग से बचें और फेफड़ों को प्रभावित करने वाली चीजों से दूरी बना लें। - कोरोना वायरस से बचने का सबसे आसान तरीका तो यह है कि अप बेवजह घर से बाहर ही न निकलें।

 

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