लाइव न्यूज़ :

Coronavirus: कोरोना वायरस से लड़ने में सबसे ज्यादा कारगर साबित हो सकती है भारत की यह खास चीज

By भाषा | Updated: May 4, 2020 16:04 IST

एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इसकी वजह से ही भारत में अन्य देशों के मुकाबले कोरोना के मामलों में कमी देखी गई है

Open in App

कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और इसकी चपेट में अब तक 3,581,884 से अधिक लोग आ चुके हैं। दुनियाभर में इस महामारी से 248,558 लोगों की मौत हो चुकी है और यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। 

कोरोना का कोई इलाज नहीं है और इससे बचने का सिर्फ एक ही तरीका है और वो है खुद को संक्रमित लोगों से दूर रखना। चूंकि यह वायरस सक्रमित से हाथ मिलाने से फैल सकता है इसलिए सबसे पहले हाथ नहीं मिलाने पर जोर दिया गया था। 

भारत में हाथ मिलाने की जगह हाथ जोड़कर नमस्ते करने की प्रथा है और यह प्रथा कोरोना से बचाने में सफल साबित हुई है। दुनियाभर में कोरोना वायरस से बचने के लिए भारत में एक-दूसरे को अभिवादन करने का तरीका ‘नमस्ते’ दूसरे देशों के अभिवादन के तरीके से अधिक कारगर साबित हो सकता है।

इससे वायरस से बचने के एक महत्वपूर्ण नियम सामाजिक दूरी बनाए रखने का उल्लंघन भी नहीं होता। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक रिपोर्ट ‘दी कोविड-19 रिडल : वाय डज द वायरस वैलॉप सम प्लेसिज एंड स्पेयर अदर्स?’ के अनुसार कोरोना वायरस ने पृथ्वी पर लगभग हर जगह अपना प्रकोप दिखाया है।

न्यूयॉर्क, पेरिस और लंदन जैसे महानगरों में जहां इससे तबाही मची है वहीं बैंकॉक, बगदाद, नयी दिल्ली, लागोस जैसे शहरों में स्थिति अब तक उतनी खराब नहीं हुई है।

उसने कहा, ‘‘ सवाल यह है कि कुछ स्थानों पर वायरस का कहर अधिक और कुछ जगह पर कम क्यों है? इसको लेकर कई सिद्धांत और अटकलें हैं लेकिन इसका कोई ठोस जवाब नहीं मिल पाया है। इसका पता चलने से देश वायरस से कैसे निपटें, किसको इससे खतरा है यह पता लगाने और यह जानने में मदद मिल सकती है कि घर से बहार जाना सुरक्षित कब होगा।’’

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ महामारी विशेषज्ञों ने कहा कि सांस्कृतिक कारक, जैसे कि सामाजिक दूरी बनाना जो कुछ समाजों में पहले से जारी है, इससे कुछ देश अधिक सुरक्षित हैं। थाईलैंड और भारत में जहां वायरस के मामले तुलनात्मक रूप से कम है वहां लोग एक-दूसरे का अभिवादन दोनों हाथ जोड़कर ‘नमस्ते’ करके करते हैं।

वहीं जापान और दक्षिण कोरिया में भी कोरोना वायरस आने से काफी समय पहले से लोग सिर झुकाकर एक-दूसरे का अभिवादन करते हैं और थोड़ा भी बीमार होने पर उन्हें मास्क पहनने की आदत है।’’

रिपोर्ट के अनुसार विकासशील देशों में बुजुर्गों की घर में देखभाल करने की संस्कृति के कारण पश्चिमी देशों की तुलना में वहां बुजुर्गों की जान कम जा रही है। ‘हार्वर्ड ग्लोबल हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट’ के निदेशक आशीष झा ने कहा कि कई देशों में युवा आबादी अधिक होने की वजह से भी महामारी के मामले कम हैं। 

टॅग्स :कोरोना वायरससीओवीआईडी-19 इंडियाहेल्थ टिप्स
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यBengaluru: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्सुअल हेल्थ के इलाज के लिए बैंक लोन लेकर खरीदी थी जड़ी-बूटी, हो गई किडनी की समस्या, ₹48 लाख का हुआ नुकसान

स्वास्थ्यDinner Timing Matters: सर्दियों में जल्दी खाना क्यों बन सकता है हेल्थ गेम-चेंजर?

स्वास्थ्यअध्ययन: बच्चों में बढ़ती हिंसा और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वास्थ्यभारतीय वैज्ञानिकों ने गर्भ के अंदर 'जेनेटिक स्विच' का पता लगाया, गर्भावस्था में हो सकता मददगार

स्वास्थ्यक्या ‘बेरी’ खाना सुरक्षित है? कीटनाशक डाइमेथोएट के बारे में चिंता करना कितना सही

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत