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Covid-19 test: कोरोना की जांच का नया विकल्प जल्द, कम खर्चा, रिजल्ट एकदम सटीक, लोग खुद भी ले सकेंगे अपना नमूना

By उस्मान | Updated: August 24, 2020 16:21 IST

लार से कोरोना की जांच : एक सस्ता और सुरक्षित विकल्प, देश में जल्द शुरू हो सकता है

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ठळक मुद्देइससे परिणाम तेजी से आएंगे और अधिक सटीक होंगेस्वास्थ्य कर्मियों के लिए जोखिम भी कम रहेगाइस तरीके में लोग खुद सरलता से नमूने ले सकते हैं

नोवेल कोरोना वायरस के लिए लार या सलाइवा से किफायती जांच में लोग खुद ही बहुत कम परेशानी के साथ अपना नमूना ले सकेंगे और इसमें नाक या गले के अंदर से स्वाब का नमूना लेने की जरूरत नहीं होगी। वैज्ञानिकों के अनुसार यह कोविड-19 का पता लगाने का आसान तरीका हो सकता है। 

भारत में जल्द शुरू हो सकता है विकल्प

भारत में जांच का यह तरीका अभी शुरू नहीं हुआ है। वैज्ञानिकों ने इस वैकल्पिक जांच पद्धति पर मुहर लगाते हुए कहा कि इससे परिणाम तेजी से आएंगे और अधिक सटीक होंगे। इनसे नमूने एकत्रित करते समय स्वास्थ्य कर्मियों के लिए जोखिम भी कम रहेगा। लार से कोविड-19 का पता लगाने के इस तरीके में लोग खुद सरलता से नमूने ले सकते हैं और साफ-सुथरी ट्यूब में डालकर जांच के लिए प्रयोगशाला को भेज सकते हैं। 

‘लार की जांच’ करना बहुत आसान

चेन्नई की एल एंड टी माइक्रोबायलॉजी रिसर्च सेंटर में वरिष्ठ एसोसिएट प्रोफेसर ए आर आनंद ने कहा, 'यह विशेष तरह का भी है क्योंकि इसमें आरएनए (राइबो न्यूक्लिएक एसिड) को अलग निकालने का अतिरिक्त चरण भी नहीं है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि दूसरी जांचों में इस चरण के लिए इस्तेमाल किट की पहले कमी रही है।' 

उन्होंने कहा कि ‘लार की जांच’ करना बहुत आसान है। इसमें केवल कुछ रीएजेंट और रीयल टाइम पॉलीमरेज चेन रियेक्शन (आरटी₨-पीसीआर) मशीन की जरूरत होती है। अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) ने इसी सप्ताह येल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ को इसके ‘सलाइवा डायरेक्ट’ कोविड-19 जांच तरीके के आपात स्थिति में उपयोग की मंजूरी प्रदान की थी। 

किसी भी स्टेराइल पात्र में रखा जा सकता है

इसके बाद से इस तकनीक पर चर्चाएं तेज हो गयीं। एफडीए ने एक बयान में कहा कि 'सलाइवा डायरेक्ट' जांच में किसी विशेष तरह के स्वाब की या संग्रह उपकरण की जरूरत नहीं होती। लार या सलाइवा को तो किसी भी स्टेराइल पात्र में रखा जा सकता है। 

पुणे के भारतीय विज्ञान, शिक्षा और अनुसंधान संस्थान की प्रतिरक्षा विज्ञानी विनीता बल ने कहा कि जिस तरह रक्त या मूत्र शर्करा की जांच के लिए रैपिड पेपर स्ट्रिप जांच किट आसानी से उपलब्ध होती हैं, इसी तरह सलाइवा जांच भी सरलता से हो सकती है।

देश में कोविड-19 के मामले 31 लाख के पार

भारत में एक दिन में कोविड-19 के 61,408 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की कुल संख्या 31 लाख को पार कर गई। वहीं, संक्रमण से अब तक 23,38,035 लोग स्वस्थ हो चुके हैं जिससे मरीजों के ठीक होने की दर 75 प्रतिशत से अधिक हो गई है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 31,06,348 हो गए हैं। वहीं, पिछले 24 घंटे में 836 लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 57,542 हो गई है। कोविड-19 से मृत्यु दर गिरकर 1.85 प्रतिशत हो गई है और मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 75.27 प्रतिशत हो गई है।

आंकड़ों के अनुसार देश में अभी 7,10,771 मरीजों का कोरोना वायरस का इलाज चल रहा है, जो कि कुल मामलों का 22.88 प्रतिशत है। देश में सात अगस्त को कोविड-19 के मामले 20 लाख के पार हो गए थे। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार 23 अगस्त तक देश में 3,59,02,137 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से 6,09,917 नमूनों की जांच रविवार को की गई।

आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में जिन 836 लोगों की मौत हुई, उनमें से अधिक 258 लोग महाराष्ट्र के थे। इसके बाद तमिलनाडु के 97, आंध्र प्रदेश के 93, कर्नाटक के 68, उत्तर प्रदेश के 59, पश्चिम बंगाल के 57, पंजाब के 50, मध्य प्रदेश के 23, दिल्ली के 16, गुजरात के 14, राजस्थान के 11 और ओडिशा के 10 लोग थे।

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