कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस खतरनाक वायरस से दुनियाभर में अब तक 1,081,848 लोगों की मौत हो गई है जबकि 37,786,413 लोग संक्रमित हुए हैं और यह आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है।
देश में कोरोना के मरीज 71 लाख से पार हो गए हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के 66,732 नए मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या 7,120,538 हो गई है।
कोरोना का भी तक कोई स्थायी इलाज या टीका नहीं आया है। बताया जा रहा है कि यह वायरस ऐसे लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है जिसका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होता है।
इस बीच अलग-अलग अध्ययनों में यह दावा किया गया है कि चीन से निकला यह वायरस पहले से कुछ बीमारियों से पीड़ित लोगों को जल्दी चपेट में लेता है और मौत का कारण बनता है। चलिए जानते हैं क्या-क्या हैं वो बीमारियां।
कैंसरब्रमपोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस से कैंसर के मरीजों की मृत्यु की संभावना 1.47 गुना अधिक है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, डॉक्टर अभी भी कैंसर रोगियों के लिए कोरोना संक्रमण के संभावित जोखिमों के बारे में पता लगा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि सभी रोगी जो कीमोथेरेपी या स्टेम सेल (अस्थि मज्जा) के उपचार से गुजर रहे हैं उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए और हर कीमत पर संक्रमण से बचना चाहिए।
डायबिटीजडायबिटीज रोगियों को कोरोना वायरस से मरने की संभावना 1.48 गुना अधिक है। डायबिटीज होने का मतलब यह नहीं है कि आपको कोरोना हो लेकिन इसके मरीजों को दूसरे लक्षणों की वजह से कोरोना का अधिक खतरा होता है। अगर आपके ब्लड शुगर लेवल में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है, तो आपको अन्य जटिलताएं हो सकती हैं। चूंकि कोरोना एक वायरल बीमारी है, इसलिए यह शुगर के मरीजों के लिए ज्यादा जोखिम भरा है क्योंकि यह सूजन या आंतरिक सूजन का कारण बन सकता है।
हाइपरटेंशनहाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन से ग्रस्त मरीजों को कोरोना वायरस से मरने की संभावना 1।82 गुना अधिक है। डॉक्टरों ने इसे "साइलेंट किलर" बताया है क्योंकि यह अक्सर बिना किसी लक्षण के मौजूद हो सकता है। प्रकोप के आंकड़ों के शुरुआती विश्लेषण से पता चला है कि भर्ती होने वाले 3 से 50 प्रतिशत रोगियों में यह बीमारी थी। उच्च रक्तचाप बहुत घातक है क्योंकि यह रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है और इस वजह से कोरोना की चपेट में का ज्यादा खतरा होता है।
हार्ट फेलियरदिल की विफलता यानी हार्ट फेलियर के रोगियों में कोरोना से मौ होने का खतरा 2।03 गुना अधिक है। कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर के मरीज जो दिल से कमजोर होते हैं। चीन में किए गए अध्ययनों ने सुझाव दिया कि वुहान में लगभग 20% कोविड-19 रोगियों में यह बीमारी थी।
किडनी डिजीजक्रॉनिक किडनी डिजीज के मरीजों की कोरोना वायरस से मरने की संभावना 3।25 गुना अधिक है। स्मोकिंग करने वाले, बुजुर्ग, मोटापा या डायबिटीज से पीड़ित क्रोनिक किडनी के रोगियों को इसक बीमारी का अधिक खतरा होता है। कोरोना वायरस क्रोनिक किडनी रोग विशेष रूप से खतरनाक है क्योंकि यह आपके किडनी के अधिकांश नष्ट होने तक किसी भी लक्षण का कारण नहीं बनता है।