Conjunctivitis: मानसून के मौसम में आंखों का रखें खास ध्यान, जानिए कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण और बचने के तरीके
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: July 1, 2024 13:34 IST2024-07-01T13:31:46+5:302024-07-01T13:34:42+5:30
मानसून के मौसम में कंजंक्टिवाइटिस या आंखों का लाल हो जाना एक आम समस्या है। यह वायरस, बैक्टीरिया, एलर्जी या जलन पैदा करने वाले कारकों के कारण होता है।

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Conjunctivitis: मानसून के मौसम में कंजंक्टिवाइटिस या आंखों का लाल हो जाना एक आम समस्या है। यह वायरस, बैक्टीरिया, एलर्जी या जलन पैदा करने वाले कारकों के कारण होता है। चूकि आँखे हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील अंग हैं इसलिए इसका तुरंत इलाज करना जरूरी हो जाता है। सबसे जरूरी है इसके लक्षणों को पहचानना।
मॉनसून के मौसम में नमी बढ़ने के कारण कंजंक्टिवाइटिस के मामले काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं। मानसूनी परिस्थितियां वायरल और बैक्टीरियल संक्रमणों के पनपने के लिए एक आदर्श वातावरण बनाती हैं। लेकिन इसके फैलने के कारण और लक्षणों की समझ हो तो संक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
इसके लक्षणों में सूजन के कारण आंखों में लालिमा या गुलाबीपन आना है। इसके साथ ही आंखों से पीले या हरे रंग का तरल भी बाहर आता है। ऐसा विशेष रूप से सुबह के समय होता है। इसके अतिरिक्त, आँखों में खुजली, किरकिराहट या दर्द महसूस हो सकता है। ऐसी स्थिति में हाथो से आंखों को रगड़ना नहीं चाहिए। कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित को बुखार, गले में खराश या
सांस फूलने की समस्या भी हो सकती है।
बचने के लिए इन सुझावों का पालन करें
नियमित रूप से अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं। प्रदूषित हाथों से आंखों को छूने से कंजंक्टिवाइटिस तेजी से फैलता है। हाथो को बैक्टीरिया मुक्त रखने के लिए 60 प्रतिशत अल्कोहल सामग्री वाले हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग भी किया जा सकता है।
बार-बार हाथों से आँखों को छूने से बचें। अपनी आँखों को रगड़ें नहीं। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यह जरूरी है। दूषित हाथों से अपनी आंखों को छूने से आंखों में वायरस या बैक्टीरिया आ सकते हैं।
तौलिए, तकिए और मेकअप ब्रश जैसी व्यक्तिगत वस्तुओं को साझा करने से बचना चाहिए। इनके प्रयोग से संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में स्थानांतरित हो सकता है।
स्विमिंग पूल का इस्तेमाल करने से बचें। ऐसी जगह पर संक्रमण फैलने का खतरा सबसे कम होता है। गंदे या दूषित पानी के संपर्क में आने के बाद तुरंत स्नान करने से संभावित जलन को दूर करने और आंखों में जलन और संक्रमण के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है।
काला चश्मा कंजंक्टिवाइटिस को रोकता नहीं है लेकिन ये आंखों को और ज्यादा नुकसान होने से बचा सकता है। काला चश्मा एक शारीरिक बाधा के रूप में भी काम कर सकता है, जो आपको अपनी आंखों को छूने से रोकता है।
(अस्वीकरण- यह चिकित्कीय परामर्श नहीं है)