Black Fungus: तेजी से बढ़ रहे 'ब्लैक फंगस' के मामले, हेल्थ मिनिस्ट्री ने बताये, लक्षण और बचने के 8 उपाय
By उस्मान | Published: May 15, 2021 09:00 AM2021-05-15T09:00:35+5:302021-05-15T09:04:55+5:30
यह फंगल इन्फेक्शन कोरोना के ठीक हुए मरीजों को अधिक प्रभावित कर रहा है
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस महामारी संकट के बीच बढ़ते फंगल इन्फेक्शन म्यूकोरमाइकोसिस (mucormycosis) को लेकर दिशा-निर्देश जारी किये हैं। यह एक गंभीर रोग है जो कोरोना से ठीक हुए मरीजों खासकर डायबिटीज के रोगियों में देखा जा रहा है। महाराष्ट्र और गुजरात सहित कई राज्यों में इसके मामले पाए गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 'जागरूकता और शीघ्र निदान फंगल संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद कर सकता है।' उन्होंने इस बीमारी पर चार स्लाइड जारी किये हैं जिनमें बीमारी क्या है, लक्षण क्या हैं, कैसे फैलता है और आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस क्या है?
इस बीमारी को पहले जाइगोमाइकोसिस (Zygomycosis) कहा जाता था। यह एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन होता है। आमतौर पर यह इंफेक्शन नाक से शुरू होता है। जो धीमे-धीमे आंखों तक फैल जाता है। इसका इंफेक्शन फैलते ही इलाज जरूरी है।
मरीज इससे कैसे संक्रमित हो सकता है?
ऐसे लोगों जो पहले से किसी बीमारी से पीड़ित हैं, वैरिकोनाज़ोल थेरेपी ली है, डायबिटीज के मरीज हैं, स्टेरॉयड द्वारा इम्यूनोसप्रेशन या लंबे समय तक आईसीयू में रहे हैं, वो लोग फंगल संक्रमण के शिकार हो सकते हैं।
#Mucormycosis, commonly known as '#BlackFungus' has been observed in a number of #COVID19 patients recently.
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) May 14, 2021
Awareness & early diagnosis can help curb the spread of the fungal infection. Here's how to detect & manage it #IndiaFightsCorona@MoHFW_INDIApic.twitter.com/lC6iSNOxGF
इन लक्षणों पर रखें नजर
अगर आपको नाक में सूजन या ज्यादा दर्द हो, आंखों से धुंधला दिखने लगे, बुखार, सिरदर्द और खांसी हो, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। यह संक्रमण आमतौर पर साइनस, मस्तिष्क या फेफड़ों को प्रभावित करता है और इसलिए कोरोना से पीड़ित या ठीक होने वाले लोगों में काफी आम हो सकता है।
क्या करें
- hyperglycaemia पर कंट्रोल रखें
- ब्लड ग्लूकोज लेवल की जांच करते रहें
- स्टेरॉयड का विवेकपूर्ण उपयोग करें
- ऑक्सीजन थेरेपी के दौरान साफ पानी का इस्तेमाल करें
- एंटीबायोटिक्स और एंटी फंगल का कम इस्तेमाल करें
क्या नहीं करें
- लक्षणों को नजरअंदाज न करें
- नाक और साइनस के सभी मामलों को फंगल इन्फेक्शन न समझें
- फंगल एटियलजि का पता लगाने के लिए उचित रूप में आक्रामक जांच की मांग करने में संकोच न करें
म्यूकोरमाइकोसिस से जुड़े लक्षण क्या हैं?
म्यूकोरमाइकोसिस आमतौर पर नाक, आंख, मस्तिष्क और साइनस जैसे हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। इसके लावा इसके लक्षणों में चेहरे में सूजन, दर्द और सुन्नता, नाक से असामान्य (खूनी या काला-भूरा) डिस्चार्ज होना, सूजी हुई आंखें, नाक या साइनस में जमाव, नाक या मुंह के ऊपरी हिस्से पर काले घाव होना शामिल हैं। इसके अलावा इसके मरीजों को बुखार, खांसी, सीने में दर्द और सांस की तकलीफ जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।
किसे है इसका ज्यादा खतरा
यह फंगल संक्रमण आमतौर पर उन रोगियों में देखा जाता है जो कोरोना से ठीक हो गए हैं लेकिन डायबिटीज, किडनी या हार्ट फेलियर या कैंसर जैसी समस्या का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा कमजोर इम्यूनिटी सिस्टम वाले कोरोना के रोगियों को इस घातक संक्रमण का अधिक खतरा है।
म्यूकोरमाइकोसिस का इलाज
इसके मरीजों को डॉक्टरों से मदद लेनी चाहिए। एंटिफंगल दवाओं से इसका इलाज हो सकता है। कोई भी दवा डॉक्टरों या किसी विशेषज्ञ की सलाह पर लें। गंभीर मामलों में डेड टिश्यू को हटाने के लिए सर्जरी आवश्यक हो सकती है।