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"परदेश जाना पर एड्स ना लाना"?, 2025 में सर्वाधिक महिलाएं एचआईवी संक्रमित, सीतामढ़ी में 7400 से ज़्यादा संक्रमित

By एस पी सिन्हा | Updated: December 12, 2025 16:12 IST

स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है और शहरी इलाकों से लेकर दूर-दराज के गांवों तक जागरूकता मुहिम को तेज़ी से फैलाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

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ठळक मुद्देमहिलाओं में तेजी से बढ़ रहे एचआईवी संक्रमण को लेकर विभाग अलर्ट है। एड्स ने न केवल एक बार फिर दस्तक दी है, बल्कि जोरदार हथौड़ा मार दिया है।प्रशासन के हाथ-पांव फुला दिए हैं और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

पटनाः "परदेश जाना पर एड्स ना लाना" इस तरह का सरकारी विज्ञापन अक्सर टीवी और सोशल मीडिया पर देखे जा रहे हैं, लेकिन लोग इससे जागरूक नहीं हो रहे। परदेस से कमा कर घर लौट रहे मजदूर पत्नियों को एड्स दे रहे हैं। यहां पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में एचआईवी संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इस साल अब तक सर्वाधिक महिलाएं एचआईवी संक्रमित मिली है। महिलाओं में तेजी से बढ़ रहे एचआईवी संक्रमण को लेकर विभाग अलर्ट है। इस तरह एड्स ने न केवल एक बार फिर दस्तक दी है, बल्कि जोरदार हथौड़ा मार दिया है।

तेजी से बढ़ते संक्रमण के आंकड़ों ने प्रशासन के हाथ-पांव फुला दिए हैं और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में लोग संक्रमित कैसे हो गए। इस बढ़ते खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है और शहरी इलाकों से लेकर दूर-दराज के गांवों तक जागरूकता मुहिम को तेज़ी से फैलाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

जल्द ही कैंप लगाए जाएंगे, जहां लोगों को सावधानी, संक्रमण के तरीकों और समय पर जांच कराने की जानकारी दी जाएगी। आज बिहार एड्स संक्रमण में देश में तीसरे स्थान पर है। सीतामढ़ी राज्य का हॉटस्पॉट बन गया है। बिहार राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी की रिपोर्ट के अनुसार युवा, गर्भवती महिला, ट्रांसजेंडर, सेक्स वर्कर और ट्रक ड्राइवर जैसे लोग इसकी चपेट में हैं।

सीतामढ़ी जिले में 7,400 से ज़्यादा एचआईवी संक्रमित मिले हैं, जिसमें 400 से ज़्यादा बच्चे शामिल हैं। इन संक्रमितों में लड़का-लड़की दोनों शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 252 लड़का और 135 लड़कियां संक्रमित हैं। सोशल मीडिया और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बिहार में कुल 97,000 एचआईवी संक्रमित होने का भी जिक्र किया गया है।

मिल रही रिपोर्ट के अनुसार परदेस से लौट रहे मजदूर अपनी ही पत्नियों को एड्स बांट रहे हैं। एआरटी सेंटर में हर महीने 40 से 60 नए मरीज रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं, जिससे यह प्रदेश का हाई-लोड सेंटर बन चुका है। आंकड़ों के सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में सनसनी फैल गई है। अधिकांश संक्रमित पुरुष मजदूर वर्ग से आते हैं, जो बाहर रहकर दिहाड़ी मजदूरी करते हैं।

जानकारी के अभाव में असुरक्षित यौन संबंधों का शिकार बन जाते हैं। वहीं महिलाओं का संक्रमित होना और ज्यादा गंभीर है, क्योंकि समय पर जांच न होने पर यह संक्रमण आगे फैलने का खतरा और बढ़ा देता है। संक्रमित सीरिंज, दूषित रक्त और गर्भवती मां से बच्चे तक ये सभी एड्स फैलने के बड़े कारण हैं। ऐसे में बिहार में हर साल एड्स संक्रमित मरीजों की बढ़ोतरी हो रही है।

पिछले 2019-2024 तक की रिपोर्ट देखें तो हर साल हजारों मरीज मिले हैं जो एचआईवी से संक्रमित हैं। 2019-20 में 9928 लोग संक्रमित मिले। 2020-21 में 6469 लोग पॉजिटिव, 2021-22 में 4153 संक्रमित मिले, 2022-23 में 9963 संक्रमित, 2023-24 में 9359 लोग संक्रमित और 2024-25 के अक्टूबर महीने तक 5820 लोग संक्रमित पाए गए हैं।

साल 2020-21 के दौरान 577103 लोगों की जांच में 1.2 प्रतिशत यानी 6469 लोग पॉजिटिव मिले। 2019-20 में 851346 लोगों की जांच हुई, जिसमें 1.6 प्रतिशत 9928 लोग संक्रमित पाए गए। बड़ी संख्या में गर्भवती महिला संक्रमित हो रही हैं। साल 2023-24 में कल 1352 गर्भवती महिला संक्रमित हुई थी, जबकि 2024- 25 में अक्टूबर तक 632 महिला संक्रमित हुई है।

2023-24 के दौरान बिहार में 8675 ट्रांसजेंडर की जांच हुई, जिसमें की 70 ट्रांसजेंडर एड्स संक्रमित पाए गए। 2024-25 अक्टूबर महीने तक कुल 6827 ट्रांसजेंडर की जांच हुई, जिसमें अब तक 38 ट्रांसजेंडर संक्रमित पाए गए हैं। सरकार की ओर से ट्रांसजेंडर को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।

विशेषज्ञों की मानें तो अगर समाज में जागरूकता नहीं आई, तो आने वाला वक्त और भी खतरनाक हो सकता है। प्रशासन ने जिला अस्पतालों के एआरटी सेंटरों के जरिए जागरूकता कार्यक्रमों को और तेज करने का फैसला लिया है। गांव-गांव जाकर एचआईवी टेस्ट कराए जाने की भी तैयारी है, ताकि जल्द से जल्द संक्रमित लोगों का पता लगाया जा सके।

सीमांचल में महिलाओं में संक्रमण का ग्राफ पुरुषों से ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है, जो विभाग के लिए बड़ा संकेत है। इस साल अब तक 14 लोग संक्रमित पाए गए, जिनमें 8 महिलाएं और 2 गर्भवती शामिल हैं। सबसे भयावह तस्वीर सीतामढ़ी से सामने आई है, जहां छोटे- छोटे बच्चों को यह बीमारी मां-बाप से विरासत में मिली है।

बिहार के लिए यह रेड अलर्ट की स्थिति है। इस बीच बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति ने इन वायरल आंकड़ों को भ्रमित और तथ्यहीन बताया है। समिति का कहना है कि जो आंकड़े पेश किए गए हैं। वो वास्तविक स्थिति से बिल्कुल परे हैं। सीतामढ़ी जिले की वर्तमान स्थिति को स्पष्ट करते हुए बताया कि वर्ष 2025-26 में अक्टूबर तक केवल 200 नए मरीज चिन्हित किए गए हैं।

जिले के एंटी रेट्रो वायरल थेरैपी (एआरटी) केंद्र में 4958 मरीज नियमित रूप से एआरवी दवाओं का सेवन कर रहे हैं। 6900 से ज्यादा मरीजों की वर्तमान संख्या बताना पूरी तरह तथ्य से परे है, क्योंकि यह दो दशकों का कुल डेटा है। बिहार राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी के अपर परियोजना निदेशक डॉ नरेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि राज्य में एचआईवी पॉजिटिव एक्टिव मरीजों की संख्या अभी के समय 97046 है।

सीतामढ़ी में जो एचआईवी मरीज एआरटी की दवा टीएलडी पर सरवाइव कर रहे हैं, वैसे मरीजों की संख्या 4957 है. जिसमें 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों की संख्या 341 हैं। वहीं, सीतामढ़ी में मिले 7400 एचआईवी मरीज पर बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि एचआईवी के लिए सरकार ने अलग से बिहार एड्स कंट्रोल सोसाइटी की स्थापना की है।

इसका काम ही लोगों में इस रोग के प्रति जागरूकता फैलाना है। लगातार इसको लेकर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। जिस क्षेत्र में ये मरीज मिले हैं, इसकी जांच कराई जा रही है। किन परिस्थिति में ये मरीज बढ़े हैं, इसपर एड्स सोसाइटी काम कर रही है। स्वास्थ्य विभाग मामले की मॉनिटरिंग कर रहा है। 

वहीं, आईसीटीसी काउंसलर रमेश गोस्वामी बताते हैं कि महिलाओं में एचआईवी संक्रमण का तेजी से बढ़ाना चिंता का विषय है। अधिकांश संक्रमित महिलाएं निम्न वर्गीय परिवार से आती है। उनके पति बाहर रहकर कमाते हैं। इस दौरान जानकारी के अभाव में असुरक्षित यौन संपर्क के कारण महिलाएं एचआईवी संक्रमण का शिकार हो जा रही है।

समय पर जांच एवं इसका पता नहीं लगने के कारण अन्य लोगों में भी एड्स फैलने का खतरा बढ़ जाता है। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संपर्क से संक्रमित सीरिंजो व सूईयों के पुनः उपयोग, एचआईवी संक्रमित रक्त या रक्त उत्पाद चढ़ाने, एचआईवी संक्रमित मां से उसके होने वाले शिशु को फैलता है।

राज्य में 32 जगह पर जांच की सुविधा है। पटना में ही तीन जगह है। जानकारों ने बताया कि एचआईवी संक्रमण के चार प्रमुख कारण हैं. पहला कारण है अनप्रोटेक्ट सेक्स। इसमें लोग अपने पार्टनर के साथ लॉयल न रहकर मल्टीपल पार्टनर के साथ सेक्स करते हैं और कंडोम का इस्तेमाल नहीं करते हैं।

अगर शरीर की जरूरत है और मल्टीपल पार्टनर के साथ सेक्स कर रहे हैं तो कंडोम का इस्तेमाल बहुत ही अनिवार्य हो जाता है। इसके अलावा पुरुष और पुरुष के बीच बिना प्रोटेक्शन के सेक्स संक्रमण फैलने का प्रमुख कारण बन जाता है।

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