भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के तबीयत ज्यादा खराब होने उन्हें पर दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी।. जेटली काफी लंबे समय से बीमार हैं। एम्स की तरफ से शुक्रवार रात 9 बजे जेटली का मेडिकल रिपोर्ट जारी किया है। एम्स के अनुसार, जेटली इस समय आईसीयू में कई डॉक्टरों की निगरानी में हैं। वर्तमान में उनकी तबीयत स्थिर है।
सूत्रों के अनुसार, अचानक सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें शुक्रवार को सुबह 11 बजे एम्स में भर्ती कराया गया। खबर मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बाबा रामदेव समेत कई नेता उनसे मिलने एम्स पहुंचे।
हाल ही में भाजपा की एक दिग्गज नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को अचानक कार्डियक अरेट पड़ने पर एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। अब अचानक जेटली का स्वास्थ्य खराब होने से लोगों में बेचैनी पैदा हो गई है।
अरुण जेटली के एम्स में भर्ती होते ही सोशल मीडिया पर #ArunJaitely ट्रेंड करने लगा है। सोशल मीडिया पर लोग अरुण जेटली के लिए दुआएं मांग रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोगों को डर है कि हो सकता है कि अरुण जेटली की हालत काफी गंभीर है।
लंबे समय से बीमार चल रहे हैं जेटली
आपको बता दें कि पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली काफी समय से अस्वस्थ चल रहे हैं। किडनी संबंधी बीमारी से ग्रसित अरुण जेटली का पिछले साल मई में किडनी प्रत्यारोपण हुआ था। लेकिन किडनी के साथ-साथ जेटली कैंसर से भी जूझ रहे हैं।उनके बायें पैर में सॉफ्ट टिशू कैंसर हो गया है जिसकी सर्जरी के लिए जेटली इसी साल जनवरी में अमेरिका भी गए थे। वो सितंबर 2014 में डायबिटीज मैनेज के लिए गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी करा चुके हैं। इसके अलावा वो साल 2005 में हार्ट सर्जरी भी करा चुके हैं।
मोदी सरकार के दोबारा मंत्रिमंडल गठित होने दौरान जेटली ने एक पत्र लिखकर पीएम मोदी से मंत्रिमंडल में न शामिल करने का अनुरोध किया था। उन्होंने पत्र में लिखा कि मुझे मंत्री बनाने पर विचार न करें।
सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा से पीड़ित हैं अरुण जेटली
आपको बता दें की अरुण जेटली पिछले कई महीनों से सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा से पीड़ित हैं। यह एक तरह के कैंसर का प्रकार है और यह तब होता है, जब कोशिकाएं डीएनए के भीतर विकसित होने लगती हैं। यह कोशिकाओं में ट्यूमर के रूप में विकसित होता है और शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैलने लगता है। यानी यह बीमारी शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है, खासकर व्यक्ति के कंधों और पैरों को अधिक प्रभावित करती है। ये किसी भी उम्र में हो सकता है।
सर्जरी के जरिये इसे निकाला जा सकता है। हालांकि रेडिएशन और कीमोथेरेपी के जरिये भी इसका इलाज संभव है लेकिन यह इसके साइज, प्रकार और जगह पर निर्भर करता है। इस बीमारी को लेकर दुखद यह है कि इसके लक्षण शुरूआती चरण में नजर नहीं आते हैं। किसी व्यक्ति को जब मांसपेशियों और नसों में तेज दर्द रहने लगे तो उसे सावधान हो जाना चाहिए।
सॉफ्ट टिश्यू सर्कोमा के कारण, लक्षण और इलाजइस बीमारी के लक्शषणों में शरीर में कोई भी सूजन या गांठ बनना, हड्डियों में दर्द रहना और लंबे समय से किसी गांठ का बनना शामिल हैं। यह आमतौर पर यह तब होता है, जब कोशिकाएं डीएनए के भीतर विकसित होने लगती हैं। सॉफ्ट टिश्यू सर्कोमा के कई प्रकार होते हैं इसलिए इसके प्रकार, साइज और जगह के अनुसार इलाज कराना बहुत जरूरी है। इसके लिए डॉक्टर्स इमेजिंग टेस्ट, बायोप्सी, रेडिएशन, कीमोथेरेपी और ड्रग्स के जरिये इलाज करते हैं।
देश के ये बड़े नेता भी हैं गंभीर बीमारियों से पीड़ित
जॉर्ज फर्नांडिस पूर्व रक्षा मंत्री और मजदूर नेता फर्नांडिस को अल्जाइमर और पार्किंसन जैसी बीमारियों से ग्रस्त बताया जाता है। हमेशा साधारण जीवन जीने वाले जॉर्ज प्रसिद्ध समाजवादी नेताओं में गिने जाते रहे हैं। वीपी सिंह से लेकर वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे।
सोनिया गांधीसोनिया गांधी वाराणसी में एक रैली के दौरान बेहोश हो गई थी। आपको याद होगा कि एक बार वो संसद की कार्यवाही के दौरान भी बेहोश हो गई थी। डेकन हेराल्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, सोनिया साल 2012 में कैंसर का भी इलाज करवा चुकीं हैं।
मनमोहन सिंहपूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी दो बार बाईपास सर्जरी करा चुके हैं। पहले उन्होंने साल 1990 और दूसरी बार साल 2009 में इस प्रक्रिया से गुजरना पड़ा था। इसके अलावा वो कार्पल टनल सिंड्रोम और प्रोस्टेट प्रॉब्लम्स और एंजियोप्लास्टी की भी सर्जरी करा चुके हैं।
लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला में जमानत पर चल रहे आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को पिछले साल तबीयत बिगड़ने पर रांची के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वे अनियंत्रित डायबिटीज़ से पीड़ित थे। साथ ही वे क्रेटनीन, प्रोस्टेट, किडनी में पथरी, यूरिक एसिड, हाइपर यूरिसीमिया, पेरेनियल इंफेक्शन जैसी बीमारियों का भी सामना कर रहे थे।
बाबूलाल गौर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता बाबूलाल गौर की तबीयत एक बार फिर से खराब हो गई है। उन्हें बीते बुधवार भोपाल के एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि बाबूलाल गौर को फेफड़ों में इन्फेक्शन की शिकायत के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां प्रारंभिक जांच के बाद उनमें निमोनिया के लक्षण पाए गए। इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें आईसीयू में रखने का फैसला किया। बताया जा रहा है कि बाबूलाल गौर को फिलहाल वेंटिलेटर पर रखा गया है।
वीरभद्र सिंहहिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरभद्र सिंह की तबीयत बिगड़ गई है। तबीयत खराब होने के बाद वीरभद्र को बीते बुधवार रामपुर से उपचार के लिए शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (आईजीएमसी) में भर्ती कराया गया। 85 साल के वीरभद्र सिंह को सांस लेने में दिक्कत बढ़ने पर आईजीएमसी में भर्ती कराया गया जहां उनका उपचार किया जा रहा है। आईजीएमसी से जुड़े डॉक्टरों का कहना है कि पिछले कुछ समय से वीरभद्र सिंह सर्दी-खांसी से पीड़ित हैं, इस वजह से इन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही है।
देवेंद्र फडणवीसमहाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित हैं। ऐसा माना जाता है कि एक समय उनका वजन 122 किलो हो गया था। आपको बता दें कि मोटापा से डायबिटीज का खतरा होता है। साल 2015 में वो डायबिटीज का इलाज करा रहे हैं।