ढाका, 16 सितंबर। मौकों को गोल में बदलने की नाकामी और कमजोर रक्षापंक्ति के कारण भारतीय फुटबाल टीम दक्षिण एशिया फुटबाल महासंघ (सैफ) कप के फाइनल में शनिवार को मालदीव से 1-2 हार गयी।
इस हार के साथ ही गत चैम्पियन भारत का इस टूर्नामेंट को आठवीं बार जीतने का सपना भी टूट गया और मालदीव 2008 के बाद दूसरी बार इसका चैम्पियन बना। मालदीव ने इसके साथ ही ग्रुप चरण में भारत से मिली 0-2 की हार का बदला भी चुकता कर लिया।
यहां के बंगबंधु स्टेडियम में खेले गये फाइनल में भारतीय टीम ने बॉल को ज्यादा समय तक अपने पाले में रखा और खिलाड़ियों ने कई मौके भी बनाये लेकिन उसे गोल में नहीं बदल सके जबकि मालदीव कम मौकों को भुनाकर चैम्पियन बनने में सफल रहा।
इब्राहिम माहुधी हुसैन और अली फासिर ने मालदीव के लिए 19वें और 66वें मिनट में गोल किये जबकि भारत के लिए सुमित पास्सी ने इंजुरी समय (90+2) में सांत्वना गोल किया।
भारतीय कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन युवाओं को परखने के लिए यहां अंडर 23 (सुमित पास्सी को छोड़कर) खिलाड़ियों के साथ टूर्नामेंट में लगातार तीसरी बार चैम्पियन बनने के इरादे से आये थे। ग्रुप चरण में शानदार प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम फाइनल में लय में नहीं दिखी। अग्रिम पंक्ति के खिलाड़ियों को कई बार गोल करने का मौका मिला लेकिन वे इसे भुना नहीं सके। रक्षापंक्ति के खिलाड़ियों में तालमेल की कमी रही जिसका फायदा मालदीव ने दो गोल दागकर उठाया।
भारत को मैच के पांचवें मिनट में ही बढ़त बनाने का मौका मिला था। निखिल पुजारी ने सलाम रंजन सिंह को एक पास दिया लेकिन उनका हेडर शाट गलत दिशा में चला गया।
हसन नैज के पास पर इब्राहिम ने भारतीय गोलकीपर विशाल कैथ को छकाकर गोल में बदल दिया और मालदीव को 19वें मिनट में बढ़त दिला दी। टूर्नामेंट में यह पहला मौका था जब भारतीय टीम गोल के मामले में पिछड़ रही थी।
मैच के 30वें मिनट में फारूख चौधरी अपना संतुलन खो बैठे और उन्होंने बराबरी करने के आसान मौके गवां दिया। 34वें मिनट में भी फारूख का शाट गोल पोस्ट के ऊपर से निकल गया।
मध्यांतर के बाद भारतीय कोच ने देविंदर सिंह की जगह जर्मनप्रीत सिंह को पहले बदलाव के तौर पर उतारा। मनवीर को 47वें मिनट में गोल करने का मौका मिला लेकिन मालदीव के गोलकीपर ने उनके प्रयास को नाकाम कर दिया।
भारतीय उम्मीदों को 66वें में उस वक्त बड़ा झटका लगा जब अली फासिर ने गोल कर मालदीव की बढ़त को दोगुना कर दिया।
भारतीय टीम में फारूख की जगह सुमित को मैदान में उतारा जिन्होंन इंजुरी टाइम में टीम के लिए सांत्वना गोल किया।