फीफा वर्ल्ड कप 2018 के फाइनल में रविवार को फ्रांस ने लुज्निकी स्टेडियम में खेले गए बेहद रोमांचक और नाटकीय मैच में पहली बार विश्व कप खेल रही क्रोएशिया को 4-2 से शिकस्त देकर दूसरी बार विश्व कप का खिताब अपने नाम कर लिया। फ्रांस ने 20 साल बाद विश्व चैंपियन बनने में सफल रहा। इससे पहले उसने अपने घर में साल 1998 में पहली बार विश्व कप जीता था।
फुटबॉल के महाकुंभ फीफा वर्ल्डकप की शुरुआत साल 1930 में हुई थी और हर 4 सालों में इसका आयोजन किया जाता है। अब तक 21 बार फीफा वर्ल्ड कप का आयोजन किया जा जुका है। हालांकि साल 1942 और 1946 में द्वितीय विश्व युद्ध के कारण इसका आयोजन नहीं किया जा सका था। फुटबॉल के इस महासंग्राम में सबसे ज्यादा 5 बार चैंपियन का ताज ब्राजील के सिर बंधा है, जबकि जर्मनी और इटली ने 4 बार इस खिताब को अपने नाम किया है।
अब तक के विजेताओं की लिस्ट
| साल | विजेता | फाइनल स्कोर | रनर-अप |
|---|---|---|---|
| 1930 | उरुग्वे | 4-2 | अर्जेंटीना |
| 1934 | इटली | 2-1 | चेकोस्लोवाकिया |
| 1938 | इटली | 4-2 | हंगरी |
| 1950 | उरुग्वे | 2-1 | ब्राजील |
| 1954 | पश्चिम जर्मनी | 3-2 | हंगरी |
| 1958 | ब्राजील | 5-2 | स्वीडन |
| 1962 | ब्राजील | 3-1 | चेकोस्लोवाकिया |
| 1966 | इंग्लैंड | 4-2 | पश्चिम जर्मनी |
| 1970 | ब्राजील | 4-1 | इटली |
| 1974 | पश्चिम जर्मनी | 2-1 | नीदरलैंड |
| 1978 | अर्जेंटीना | 3-1 | नीदरलैंड |
| 1982 | इटली | 3-1 | पश्चिम जर्मनी |
| 1986 | अर्जेंटीना | 3-2 | पश्चिम जर्मनी |
| 1990 | पश्चिम जर्मनी | 1-0 | अर्जेंटीना |
| 1994 | ब्राजील | 0-0 | इटली |
| 1998 | फ्रांस | 3-0 | ब्राजील |
| 2002 | ब्राजील | 2-0 | जर्मनी |
| 2006 | इटली | 1-1 (5-3) | फ्रांस |
| 2010 | स्पेन | 1-0 | नीदरलैंड |
| 2014 | जर्मनी | 1-0 | अर्जेंटीना |
| 2018 | फ्रांस | 4-2 | क्रोएशिया |
जर्मनी ने खेला सबसे ज्यादा बार फाइनल
भले ही ब्राजील की टीम ने सबसे ज्यादा बार खिताब अपने नाम किया हो, लेकिन सबसे ज्यादा बार फाइनल खेलने का रिकॉर्ड जर्मनी के नाम है। जर्मनी ने सबसे ज्यादा 8 बार फीफा वर्ल्ड कप का फाइनल खेला है। इसके बाद नंबर आता है ब्राजील का, जिसने 7 बार फाइनल खेला है। वहीं इटली ने 6 और अर्जेंटीना ने 5 बार फाइनल तक का सफर तय किया है। सबसे रोमांचक रिकॉर्ड नीदरलैंड के नाम दर्ज है, जिसने तीन बार फाइनल में जगह बनाई है, लेकिन एक बार भी खिताब अपने नाम नहीं किया।