पेरिस, 16 जुलाई। फीफा विश्व कप 2018 के रोमांचक फाइनल मुकाबले में फ्रांस ने क्रोएशिया को 4-2 से हराकर दूसरी बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। फ्रांस की इस जीत के साथ ही पेरिस की सड़को पर एक बार फिर जश्न शुरू हो गया। इससे पहले जब बेल्जियम की टीम सेमीफाइनल में बेल्जियम को हराकर फाइनल में पहुंची थी, तब भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला था। फाइनल में जीत के बाद ऐसा नजारा था मानों पूरा पेरिस शहर जश्न मनाने सड़क पर उतर आया और 'वीवे ला फ्रांस' के शोर से आसमान गूंज उठा।
बता दें कि फ्रांस की टीम ने दूसरी बार यह खिताब अपने नाम किया है। इससे पहले फ्रांस ने साल 1998 में अपने घर में खेले गए मुकाबले में खिताब अपने नाम किया था। वहीं साल 2006 में भी फ्रांस की टीम फाइनल में पहुंची थी, लेकिन उसे पेरिस से पेनाल्टी शूटआउट में हार का सामना करना पड़ा था।
इसके साथ ही फ्रांस के कोच डिडिएर डेसचैम्प्स का नाम भी रिकॉर्ड की फेहरिस्त में शामिल हो गया। फ्रांस ने 1998 में पहली बार विश्व कप खिताब अपनी झोली में डाला था और तब वह टीम के कप्तान थे और आज वह यहां फाइनल जीतने वाली टीम के कोच हैं। इससे वह खिलाड़ी और मैनेजर के तौर पर अपनी टीम को विश्व कप ट्रॉफी दिलाने वाले तीसरे खिलाड़ी बन गये हैं। फ्रांस ने जिनेदिन जिदान के दो गोल की मदद से 1998 में ब्राजील को 3-0 से हराया था।
फ्रांस ने 18वें मिनट में मारियो मैंडजुकिच के आत्मघाती गोल से बढ़त बनाई, लेकिन इवान पेरिसिच ने 28वें मिनट में बराबरी का गोल दाग दिया। फ्रांस को हालांकि जल्द ही पेनल्टी मिली, जिसे एंटोनी ग्रीजमैन ने 38वें मिनट में गोल में बदला जिससे फ्रांस पहले हाफ तक 2-1 से आगे रहा।
पॉल पोग्बा ने 59वें मिनट में तीसरा गोल दागा, जबकि काइलेन एमबप्पे ने 65वें मिनट में फ्रांस की बढ़त 4-1 कर दी। जब लग रहा था कि अब क्रोएशिया के हाथ से मौका निकल चुका है तब मारियो मैंडजुकी ने 69वें मिनट में गोल करके उसकी उम्मीद जगाई, लेकिन इसके बाद कोई भी खिलाड़ी गोल नहीं कर पाए।