नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि देश के युवाओं के लिए सरकार एक अहम फैसला लेने जा रही है। जावड़ेकर ने कहा कि नौकरी के लिए युवाओं को बहुत से टेस्ट देने होते हैं। अब केंद्र सरकार ने इसे समाप्त करने का फैसला लिया है।
मंत्री की मानें तो इस व्यवस्था को समाप्त करने के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। सरकार ने यह तय किया है कि अब एक राष्ट्रीय भर्ती संस्था होगी जो कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट लेगी, जिसका करोड़ों युवाओं को फायदा मिलेगा।
जावड़ेकर ने कहा कि इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अहम फैसला यह लिया है कि सार्वजनिक, निजी भागीदारी के माध्यम से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डों को किराए पर देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उज्जवल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना के तहत पिछले साल के राजस्व के कार्यशील पूंजी की 25% की सीमा से ऊपर DISCOMs को ऋण देने के लिए पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन और रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन को एकमुश्त छूट देने को भी मंजूरी दी।
कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट क्या है और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का गठन क्यों?
बता दें कि 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आम बजट पेश किया था। इस दौरान अपने भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि नॉन गजेटेड सरकारी पदों में भर्ती के लिए और सरकारी बैंक में भर्ती के लिए अब अलग-अलग परीक्षाओं का आयोजन नहीं होगा। बल्कि एक ही ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन किया जायेगा। जिसे कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) कहा जायेगा।
अब नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रीमंडल ने इस फैसले को लागू करने का रूप रेखा तैयार कर लिया है। यही वजह है कि आज प्रकाश जावड़ेकर ने कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट के माध्यम से नौकरी के लिए परीक्षा लिए जाने की घोषणा कर दी है।
सरकारी नौकरी के अलग-अलग डिपार्टमेंट में एक स्तर की सभी भर्तियों के लिए अब से एक ही परीक्षा का आयोजन किया जायेगा। यह परीक्षा ऑनलाइन मोड पर आयोजित होगी। इस प्रकार देखें, तो अभी जो RRB, IBPS और SSC आदि में भर्ती के लिए अलग-अलग परीक्षा होती है, उसकी जगह एक ही परीक्षा का आयोजन होगा और इस परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी कराएगी।