सुप्रीम कोर्ट ने हजारों छात्रों को राहत देते हुए गुरुवार (9 मई) को कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) को केंद्र सरकार की नौकरियों में भर्ती के लिए 2017 के परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में भर्ती के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के उपायों का सुझाव देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक हाई पावर कमेटी भी नियुक्त की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिटायर्ड जज जीएस सिंघवी की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय कमेटी में इंफोसिस के पूर्व अध्यक्ष नंदन नीलेकणी और वैज्ञानिक विजय भाटकर भी शामिल होंगे।
बता दें कि 2017-18 में केंद्र सरकार की नौकरियों में 8000 पदों के लिए 31 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी। उस दौरान आरोप लगा था कि एसएससी के स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। पेपर लीक होने पर देश भर में छात्रों ने प्रदर्शन किया था। इस पर एसएससी ने सरकार ने सीबीआई जांच की मांग कर दी थी और जांच पूरी होने तक परीक्षा परिणाम पर रोक लगा दी थी।
बाद में सीबीआई को यह मामला सौंपा गया था और 17 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई उनमें से कई लोग एसएससी के कर्मचारी थे।