जयपुर, 12 जूनः राजस्थान शिक्षा विभाग राज्य के स्कूलों के लिए अतिरिक्त पाठ्यक्रम लाया है, जोकि इसी जुलाई से शुरू हो रहे शिक्षा सत्र से लागू किया जाएगा। राजस्थान का माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के नए कैलेंडर के अनुसार अगल सत्र में हर महीने के तीसरे शनिवार को स्कूलों में छात्रों को संतों के उपदेश सुनाए जाएंगे। इसके अलावा उन्हें दादा-नानी की कहानियां भी सुनाई जाएंगी।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, 'राजस्थान शिक्षा विभाग ने राज्य के स्कूलों के लिए अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियों की एक सूची जारी की है, जिसके तहत हर महीने के तीसरे शनिवार को छात्र स्कूल परिसर में संतों के उपदेश सुन सकेंगे।'
इससे पहले अभी हाल ही में राजस्थान राज्य पाठ्यक्रम स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक का अपमान किए जाने की बात कही गई थी, जिसमें अंग्रेजी मीडियम के निजी स्कूलों की 8वीं कक्षा के छात्रों की एक किताब में स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक को 'आतंकवाद का जनक’ (फादर ऑफ टेररिज्म) बताया गया ता। ये स्कूल राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त थे। हालांकि मामले पर विवाद बढ़ता देख किताब के प्रकाशक ने सफाई देकर अनुवाद की गलती बता दिया था।
वहीं, राजस्थान के स्कूली पाठ्यक्रम को लेकर अक्सर विवाद खड़ा होता है। पिछले साल नौवीं से बारहवीं तक के बच्चों को पाठ्यक्रम में मांसाहार से होने वाले नुकसान, नोटबंदी के फायदे और स्वतंत्रता आंदोलन में सावरकर के योगदान जैसे विषयों के बारे में पढ़ाने के लिए कहा गया था, जिसके बाद राजस्थान की बीजेपी सरकार पर शिक्षा के भगवाकरण के आरोप लगे। उससे पहले सरकार ने आठवीं तक के पाठ्यक्रम में बदलाव किया और प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को पाठ्यक्रम से हटा दिया था, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया था।लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर के सब्सक्राइब करें!