जम्मू-कश्मीर में अब इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) का एक ऑफ-कैंपस खुलने जा रहा है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार (9 अगस्त) को ही इसे बनाने की मंजूरी दे दी है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD) ने आईआईएम के ऑफ-कैंपस के लिए 51.8 करोड़ रुपये फंड की स्वीकृति दी है।
मालूम हो कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म कर राज्य का पुनर्गठन करने के बाद ही जम्मू में आईआईएम स्थापित करने का ऐलान हो गया था। आर्टिकल 370 खत्म करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया था। जहां उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आईआईएम और आईआईटी खोलने का वादा किया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक आईआईएम-जम्मू के निदेशक बीएस सहाय ने बताया कि आईआईएम संस्था के लिए जगह का भी चुन लिया गया है। यह कैंपस श्रीनगर में एयरपोर्ट रोड पर स्थित होगा।
उन्होंने मीडिया से बाचतीच के दौरान बताया कि हमने इमारत के लिए काम शुरू कर दिया है। इसके लिए सीपीडब्ल्यूडी (केंद्रीय लोक निर्माण विभाग) को लेटर लिखा कि यह कुछ महीनों में तैयार हो जाना चाहिए।
जानिए पीएम मोदी ने क्या-क्या किया था वादा
8 अगस्त 2019 को पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश दिया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कहा कि हमने जम्मू-कश्मीर प्रशासन में एक नई कार्यसंस्कृति लाने, पारदर्शिता लाने का प्रयास किया है। इसी का नतीजा है कि IIT, IIM, एम्स, हों, तमाम इरिगेशन प्रोजेक्ट्स हो, पावर प्रोजेक्ट्स हों, या फिर एंटी करप्शन ब्यूरो, इन सबके काम में तेजी आई है।
उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में दशकों से, हजारों की संख्या में ऐसे भाई-बहन रहते हैं, जिन्हें लोकसभा के चुनाव में तो वोट डालने का अधिकार था, लेकिन वो विधानसभा और स्थानीय निकाय के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते थे। ये वो लोग हैं जो बंटवारे के बाद पाकिस्तान से भारत आए थे। क्या इन लोगों के साथ अन्याय ऐसे ही चलता रहता?
रोजगार के मिलेंगे अवसर
पीएम मोदी ने कहा था कि जल्द ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में केंद्रीय और राज्य के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे स्थानीय नौजवानों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। केंद्र की पब्लिक सेक्टर यूनिट्स और प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को भी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।