उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या की साजिश रचने के आरोपी कुख्यात बदमाश विकास दुबे के सिर पर घोषित इनामी राशि को दोगुना बढ़ा दिया गया है। विकास दुबे का पता बताने पर प्रशासन की ओर से अब पांच लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। इससे पहले इस इनामी राशि को एक लाख और फिर बढ़ाकर ढाई लाख रुपये किया जा चुका है।
विकास दुबे की तलाश में उत्तर प्रदेश की पुलिस पिछले पांच दिनों से जुटी हुई है। हालांकि, अब तक उसे पकड़ा नहीं जा सका है। हालांकि, इस बीच उसके कुछ सहयोगियों को जरूर पुलिस पकड़ने में कामयाब रही है। साथ ही बुधवार सुबह ही एसटीएफ की टीम ने उसके एक करीबी अमर दुबे को हमीरपुर में एक एनकाउंटर में मार गिराया। साथ ही एक सहयोगी भी कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र मे घायल अवस्था में पकड़ा गया।
पुलिस को मंगलवार को उसके हरियाणा के फरीदाबाद में होने की सूचना मिली थी। पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए एक होटल में भी छापेमापी की लेकिन वह फरार होने में कामयाब रहा। हालांकि, उसके दो साथी जरूर पकड़े गए। साथ ही एक सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को मिला जिसमें विकास दुबे से मिलते-जुलते शख्स का वीडियो नजर आया। उस शख्स ने अपने चेहरे को ढक रखा था।
विकास का सहयोगी अमर दुबे एनकाउंटर में ढेर
उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बुधवार को दो बड़ी कामयाबियां मिली। एसटीएफ ने पहले कानपुर के बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के करीबी साथी को मुठभेड़ में मार गिराया, साथ ही उसके एक अन्य गुर्गे को गिरफ्तार कर लिया। विकास दुबे का करीबी साथी और रिश्तेदार अमर दुबे हमीरपुर जिले के मौदहा इलाके में एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया। उस पर ₹25000 का इनाम घोषित था।
हमीरपुर के पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने इस मुठभेड़ के बारे में बताया, ‘मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ और स्थानीय पुलिस ने अमर को घेर लिया। इस दौरान उसने पुलिस पर गोलियां चलायी, जिसमें मौदहा के इंस्पेक्टर और एसटीएफ के एक कॉन्स्टेबल घायल हो गए, जवाबी कार्रवाई में अमर को गोलियां लगी और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।’ उन्होंने बताया कि पुलिस को मौके से एक स्वचालित हथियार और एक बैग मिला है। विकास दुबे गैंग का ये तीसरा सदस्य है जो मुठभेड़ में मारा गया है।
एक अन्य घटनाक्रम में कानपुर के चौबेपुर इलाके में विकास दुबे का सहयोगी श्यामू बाजपेई पुलिस के साथ मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। मुठभेड़ के दौरान बाजपेई के पैर में गोली लगी। सूत्रों के अनुसार अमर दुबे विकास की हिफाजती दस्ते में शामिल था और वह हर वक्त विकास के साथ रहता था जबकि श्यामू बाजपेई विकास का करीबी सहयोगी था।
(भाषा इनपुट)