लखनऊ: बीते साल प्रयागराज में पुलिस हिरासत में हुए अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड में आई न्यायिक आयोग की जांच रिपोर्ट में यूपी पुलिस को बड़ी राहत मिल गई है। प्रदेश विधानसभा के पटल पर गुरुवार को रखी गई न्यायिक आयोग की रिपोर्ट में लिखा गया है कि दोनों माफिया की हत्या पूर्व नियोजित नहीं थी और प्रयागराज पुलिस की गिरफ्त में रहे दोनों माफिया की सुरक्षा को लेकर पुलिस ने कोई लापरवाही नहीं बरती।
स्थिति ही ऐसी बनी की घटना को टालना संभव नहीं था। न्यायिक आयोग की जांच रिपोर्ट में यूपी पुलिस को क्लीन चिट दी गई है। बीते साल 15 अप्रैल 2023 की रात अतीक अहमद और अशरफ अहमद की पुलिस सुरक्षा के दौरान तीन युवकों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। योगी सरकार ने इस हत्याकांड की न्यायिक जांच कराने के फैसला किया।
इस हत्याकांड की जांच के लिए जो न्यायिक जांच टीम गठित की गई थी, उसमें झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी, पूर्व पुलिस महानिदेशक सुबेश कुमार सिंह, इसके अलावा सेवानिवृत्त जिला जज बृजेश कुमार सोनी शामिल थे।
न्यायिक जांच टीम की रिपोर्ट गुरुवार को प्रदेश विधानसभा में स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने रखी। न्यायिक आयोग की रिपोर्ट में अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड में प्रदेश पुलिस को क्लीन चिट मिल गई। आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, अतीक अहमद और अशरफ अहमद पुलिस सुरक्षा में 15 अप्रैल 2023 को मेडिकल के लिए अस्पताल पहुंचे।
अस्पताल के परिसर में मीडिया के भेष में आए सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य नाम के तीन लड़कों ने अतीक अहमद और अशरफ अहमद पर फायरिंग कर दी। गोली लगने से मौके पर अतीक और अशरफ की मौत हो गई। रिपोर्ट में बताया गया कि अतीक और अशरफ की हत्या पूर्व नियोजित नहीं थी। पुलिस की तरफ से कोई लापरवाही नहीं बरती गई। पुलिस के लिए घटना को टालना संभव नहीं था।
उमेश पाल की हत्या बनी अतीक के अंत का कारण
पुलिस सुरक्षा में मारे गए अतीक अहमद और उसके भाई अरशद अहमद पर कई आपराधिक मामले दर्ज थे। प्रयागराज में दिनदहाड़े वकील उमेश पाल की हत्या कराए जाने का आरोप भी अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद पर लगा था। उमेश पाल की हत्या को अतीक के बेटे असद और उसके गुर्गों ने अंजाम दिया था।
प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में दिनदहाड़े घर के सामने ही उमेश पाल गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. वारदात के समय अतीक गुजरात के साबरमती जेल में बंद था, जबकि अशरफ बरेली जेल में बंद था। इन दोनों को योगी सरकार के प्रयास से सूबे में लाया गया और प्रयागराज में दर्ज मुकदमों में इन दोनों की पेशी के लिए उन्हें लाया गया था।
इस दरमियान इन दोनों को तीन युवकों ने गोली मार दी थी। कहा जा रहा है कि वकील उमेश पाल की ह्त्या बनी अतीक अहमद और उसके भाई की मौत की वजह।