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पुलिस कस्टडी मौत मामले में 3 पुलिसवालों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज, जानें किस बेरहमी से शख्स को बेटे सामने किया गया था टॉर्चर

By भाषा | Updated: October 18, 2019 13:48 IST

प्रदीप तोमर की पुलिस हिरासत में हुई मौत: 30 अगस्त 2019 को लाखन गांव में एक महिला की लाश जली अवस्था में मिली थी। इसी के मर्डर केस में पूछताछ के लिए पुलिस ने प्रदीप को 13 अक्टूबर को हिरासत में लिया था।

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ठळक मुद्देप्रदीप तोमर के 11 साल के बेटे पुलिस हिरासत में हुए हैवानियत के बारे में मीडियो को बताया है।प्रदीप तोमर का 11 साल का बेटा मौत वाले दिन अपने पिता के साथ था।

हापुड़ में तीन पुलिस कर्मियों और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ कथित तौर पर हिरासत में किसान की मौत के प्रकरण में हत्या का मामला दर्ज किया गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि गुरुवार रात को मृतक प्रदीप तोमर के भाई कुलदीप तोमर की शिकायत के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई। करीब डेढ़ महीने पहले 35 वर्षीय प्रदीप को अपनी पत्नी की हत्या के मामले में पूछताछ के लिए हापुड़ के पिलखुवा इलाके में छिजारसी पुलिस थाने में हिरासत में लिया गया था।

मृतक के परिवार ने क्या लगाया है आरोप

मृतक के परिवार ने आरोप लगाया था कि प्रदीप को पूछताछ के दौरान बेरहमी से पीटा गया, जिससे उसकी हालत बुरी तरह बिगड़ गई। आरोप में यह भी कहा गया कि प्रदीप से पूछताछ के दौरान उसका 10 साल का बेटा पुलिस चौकी के बाहर इंतजार करता रहा। हापुड़ के पुलिस अधीक्षक यश वीर सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया कि इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 323 (हमला) के तहत क्षेत्राधिकारी संतोष कुमार, थाना प्रभारी योगेश बालियान, उप-निरीक्षक अजब सिंह और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

प्रदीप तोमर के 11 साल के बेटे पुलिस हिरासत में हुए हैवानियत के बारे में मीडियो को बताया है। बेटे ने कहा कि उसके पिता को पुलिस वाले बिना रूके लात-घूंसों से पीट रहे थे, उन्हें इलेक्ट्रिक शॉक दे रहे थे। पेचकस से उनके शरीर को गोदा जा रहा था।

पुलिस के मुताबिक, थाना प्रभारी बालियान और उप-निरीक्षक सिंह को पहले ही एक कांस्टेबल के साथ निलंबित कर दिया गया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी कर मामले पर उनकी रिपोर्ट मांगी थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गयी। आयोग के बयान के अनुसार, मीडिया से प्राप्त जानकारी के मुताबिक यह पुलिस हिरासत में एक व्यक्ति के मानवाधिकारों के उल्लंघन का मामला है, जिसके लिए राज्य की पुलिस की जवाबदेही बनती है।

एनएचआरसी ने पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह को निर्देश दिया है कि वह आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में अपनी कार्रवाई रिपोर्ट में जानकारी दें। आयोग ने मुख्य सचिव से पीड़ित परिवार की, खास तौर पर मृतक के नाबालिग बेटे की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है जो हिरासत में अपने पिता की कथित यातना और मौत के आघात से गुजर रहा है। एनएचआरसी ने कहा, ‘‘चार सप्ताह में दोनों प्राधिकरणों से विस्तृत रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है।’’ 

टॅग्स :उत्तर प्रदेशहापुड़
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