उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में एक छात्रा को स्कूल जाते वक्त दो बदमाशों ने अगवा कर गैंगरेप को अंजाम दिया था। जिसके बाद पीड़िता को एक सुनसान इलाके में छोड़ कर भाग गये थे। घटना 19 सितंबर की है। लेकिन अब इस मामले में स्कूल के प्रिंसिपल ने गैंगरेप पीड़िता को कक्षा में बैठने से मना कर दिया है। स्कूल प्रिंसिपल ने छात्रा को क्लास अटेंड करने से इसलिए मना किया है, क्योंकि वह एक गैंगरेप पीड़िता है। मामले की सूचना मिलते ही आजमगढ़ के जिला मैजिस्ट्रेट ने स्कूल के फैसले की जांच कराने का आदेश दिया है। पुलिस ने गैंगरेप मामले में दोनों आरोपियों को 23 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया था।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक 19 सितंबर को जब छात्रा स्कूल जा रही थी तो दो बदमाशों ने उसे एसयूवी गाड़ी में जबरन खींच लिया था। रेप करने के बाद आरोपियों ने पीड़िता को किसी सुनसान जगह पर छोड़ दिया था। पीड़िता हिम्मत कर पास की दुकान में पहुंची और सबको घटना के बारे में बताया। पुलिस के मुताबिक घटना के तीन दिन बाद पीड़िता के परिजनों ने शिकायत दर्ज करवाई थी।
पीड़िता को रेप की घटना के बाद स्थानीय लोग स्कूल लेकर पहुंच गये थे तो वहां प्रिंसिपल ने स्कूल में पीड़िता को आने से मना कर दिया। घटना की सूचना पुलिस को देने की बजाय प्रिंसिपल ने पीड़िता के परिजनों को फोन कर कहा कि वह यहां से अपनी बच्ची को ले जाये और दोबार स्कूल ना भेजे। स्थानीय लोगों के मुताबिक पीड़िता को जब स्कूल लाया गया था तो उसके कपड़े खून से लथपथ थे।
स्कूल के प्रिंसिपल ने खुद पर लगाए सारे आरोपों को खारिज किया। उन्होंने दावा किया, ''जब तक मामला सुलझ नहीं जाता, तब तक छात्रा से घर पर ही रहने को कहा था। मैं राज्य सरकार से संबद्धित स्कूल नहीं चला रहा हूं। यह एक प्राइवेट कोचिंग सेंटर है, जिसमें सुविधाओं की भी कमी है।''
जांच के बाद ये कहा गया है कि स्कूल से पीड़िता को नहीं निकाला गया है। पुलिस की ओर से अधिकारिक बयान में कहा गया है कि ये सब बस एक अफवाह था।