श्रद्धा मर्डर केस: आफताब पूनावाला का हुआ नार्को टेस्ट, 2 घंटे से अधिक समय तक चला टेस्ट
By रुस्तम राणा | Published: December 1, 2022 02:32 PM2022-12-01T14:32:33+5:302022-12-01T14:40:26+5:30
रोहिणी की फोरेंसिक साइंस लैब के सहायक निदेश एस. गुप्ता ने मीडिया को बताया कि एफएसएल टीम और अंबेडकर अस्पताल की टीम ने आफताब पूनावाला का नार्को टेस्ट किया और यह 2 घंटे से अधिक समय तक चला।
नई दिल्ली: देश को झकझोर देने वाले श्रद्धा मर्डर केस में गुरुवार को आरोपी आफताब अमीन पूनावाला का नार्को टेस्ट किया गया। पूनावाला का नार्को टेस्ट फॉरेंसिक साइंस लैब और अंबेडकर अस्पताल की टीम ने किया।
रोहिणी की फोरेंसिक साइंस लैब के सहायक निदेश एस. गुप्ता ने मीडिया को बताया कि एफएसएल टीम और अंबेडकर अस्पताल की टीम ने आफताब पूनावाला का नार्को टेस्ट किया और यह 2 घंटे से अधिक समय तक चला। उन्होंने कहा, टीम में फोरेंसिक लैब रोहिणी के मनोवैज्ञानिक, फोटो विशेषज्ञ और अंबेडकर अस्पताल के डॉक्टर थे।
Sharddha murder case | FSL team & team from Ambedkar Hospital conducted the narco test (of Aftab Poonawala) & it went on for over 2 hrs. Team had psychologist from forensic lab Rohini, photo expert & doctors from Ambedkar Hospital: Asst Dir, Forensic Science Lab, Rohini, S Gupta pic.twitter.com/e6o5weVC2r
— ANI (@ANI) December 1, 2022
अधिकारियों ने बताया कि पूनावाला की नार्को जांच पूरी तरह सफल रही और उसका स्वास्थ्य पूरी तरह ठीक है। उन्होंने बताया कि पूनावाला को सुबह आठ बजकर 40 मिनट पर रोहिणी के डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर हॉस्पिटल लाया गया और नार्को जांच सुबह करीब 10 बजे शुरू हुई।
जांच के बाद उसे चिकित्सीय निगरानी में रखा गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नार्को जांच से पहले पूनावाला की रक्तचाप, नाड़ी की गति, शरीर का तापमान और दिल की धड़कन की जांच समेत अन्य सामान्य जांच की गयी। उन्होंने बताया कि प्रक्रिया के तहत, पूनावाला और उसकी जांच कर रही नार्को टीम की पूरी जानकारी के साथ एक सहमति फॉर्म उसके समक्ष पढ़ा गया। फॉर्म पर उसके हस्ताक्षर करने के बाद नार्को जांच की गयी।
नार्को जांच में सोडियम पेंटोथल, स्कोपोलामाइन और सोडियम एमिटल जैसी दवा दी जाती है जो व्यक्ति को एनेस्थीसिया के विभिन्न चरणों तक लेकर जाती है। सम्मोहन (हिप्नोटिक) चरण में व्यक्ति पूरी तरह होश हवास में नहीं रहता और उसके ऐसी जानकारियां उगलने की अधिक संभावना रहती है जो वह आमतौर पर होश में रहते हुए नहीं बताता है।
जांच एजेंसियां इस जांच का इस्तेमाल तब करती हैं जब अन्य सबूतों से मामले की साफ तस्वीर नहीं मिल पाती है। दिल्ली पुलिस ने पहले कहा था कि उसने पूनावाला की नार्को जांच की मांग की है क्योंकि पूछताछ के दौरान उसके जवाब ‘‘भ्रामक’’ रहे। उच्चतम न्यायालय का आदेश है कि नार्को जांच, ब्रेन मैपिंग और पॉलिग्राफी जांच संबंधित व्यक्ति से मंजूरी लिए बिना नहीं की जा सकती हैं।
साथ ही इस जांच के दौरान दिए गए बयान अदालत में प्रारंभिक सबूत के तौर पर स्वीकार्य नहीं हैं। केवल कुछ परिस्थितियों में ही ये स्वीकार्य हैं जब पीठ को मामले के तथ्य और प्रकृति इसके अनुरूप लगे। पूनावाला (28) पर अपनी ‘लिव-इन पार्टनर’ श्रद्धा वालकर की हत्या कर उसके शव के 35 टुकड़े करने का आरोप है।
आरोप है कि उसने शव के टुकड़ों को दक्षिण दिल्ली में महरौली के अपने घर में करीब तीन सप्ताह तक 300 लीटर के एक फ्रिज में रखा और फिर कई रातों तक उसे शहर के विभिन्न स्थानों पर जाकर फेंकता रहा। उसे 12 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)