संभल थप्पड़ विवाद: महिला शिक्षिका ने क्लास में छात्र को लगवाये थप्पड़, पुलिस ने किया गिरफ्तार
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 29, 2023 09:37 AM2023-09-29T09:37:57+5:302023-09-29T09:43:35+5:30
उत्तर प्रदेश के संभल में मुजफ्फरनगर थप्पड़ कांड की तरह की एक मामला सामने आया है। मुजफ्फरनगर के केस में सुप्रीम कोर्ट में अपनी किरकिरी करवा चुकी यूपी पुलिस ने मामले में फौरन एक्शन लेते हुए महिला शिक्षिका शाइस्ता को गिरफ्तार कर लिया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के संभल में मुजफ्फरनगर थप्पड़ कांड की तरह की एक मामला सामने आया है। मुजफ्फरनगर के केस में सुप्रीम कोर्ट में अपनी किरकिरी करवा चुकी यूपी पुलिस मामले में बेहद सजग नजर आयी और उसने पिछली घटना से सबक लेते हुए मामले में फौरन एक्शन लेते हुए महिला शिक्षिका शाइस्ता को गिरफ्तार कर लिया है।
खबरों के अनुसार यह घटना बीते बुधवार को असमोली के दुगावर स्थित सेंट एंथोनी स्कूल का है। जहां ठीक उसी तरह से मुजफ्फरनगर थप्पड़ कांड को महिला शिक्षिका शाइस्ता ने दोहाराया था, जैसा की मुजफ्फरपुर के खब्बूपुर गांव में स्थित नेहा पब्लिक स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका तृप्ता त्यागी ने अंजाम दिया था। यहां बस फर्क धर्म विशेष का था। मुजफ्फरपुर में प्रताड़ना का शिकार हुआ छात्र अल्पसंख्यक वर्ग से था, वहीं संभल में पढ़ने वाला पीड़ित छात्र हिंदू समुदाय से है।
बताया जा रहा है कि पुलिस ने जैसे ही महिला शिक्षिका शाइस्ता को आरोप दर्ज होने के बाद गिरफ्तार किया सेंट एंथोनी स्कूल ने फौरन उन्हें पद से निलंबित कर दिया है। इस मामले में दर्ज एफआईआर में बताया गया है कि सेंट एंथोनी स्कूल में महिला शिक्षिका ने 26 सितंबर को उस वक्त विवादित घटना को अंजाम दिया, जब 5वीं कक्षा में पढ़ने वाले एक बहुसंख्यक छात्र से उन्होंने कुछ सवाल पूछे। छात्र उनके सवालों का जवाब नहीं दे पाया।
जिसके बाद शिक्षिका शाइस्ता ने ठीक तृप्ता त्यागी की तरह क्लास के अन्य छात्रों को आदेश दिया कि वो उस छात्र को थप्पड़ लगाएं। इस मामले का खुलासा उस वक्त हुआ, जब छात्र ने अपने पिता के पूछने पर पूरी आपबीती सुनाई और उसके बाद पिता ने 27 सितंबर को शिक्षिका के खिलाफ संभल पुलिस में मामला दर्ज करवाया।
पुलिस ने मामले की जांच के बाद 28 सितंबर को शिक्षिका शाइस्ता को गिरफ्तार कर लिया है और स्कूल प्रबंधन ने उन्हें निलंबित कर दिया है।
मालूम हो कि यह घटना मुजफ्फरनगर थप्पड़कांड में लिखी गई एफआईआर के एक महीने बाद आया है, जिसमें महिला शिक्षिका तृप्ता त्यागी ने कक्षा में एक अल्पसंख्य छात्र को उसके सहपाठियों द्वारा थप्पड़ मारवाया था।
उस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया था, जिसके बाद से लोगों में बहुत आक्रोश फैला और पूरे देश में घटना की बेहद कड़ी निंदा हुई थी।
मुजफ्फरपुर थप्पड़कांड की गूंज न केवल सियासी गलियारों से गुजरी बल्कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा, जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी प्रपौत्र तुषार गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस पंकज मित्तल की बेंच ने यूपी पुलिस को जमकर फटकार लगाई थी और कहा था कि महिला टीचर के खिलाफ जिस तरह से एफआईआर दर्ज की गई है, वो आपत्तिजनक है। उसके बाद देश की सर्वोच्च अदालत ने थप्पड़ कांड की जांच सीनियर आईपीएस अधिकारी की निगरानी में कराने का आदेश दिया था।
इतना ही नहीं कोर्ट ने यह भी कहा था कि हमारी बेहद गंभीर आपत्ति है कि क्या स्कूलों में बच्चों को ऐसी ही गुणवत्ता की शिक्षा दी जा रही है? हम इसकी गहराई में जाएंगे। राज्य सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेते हुए शीघ्र और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी।