राजस्थान हाईकोर्ट ने मंगलवार को आसाराम बापू की उम्रकैद पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर जमानत की अर्जी रद्द कर दी है। आसाराम बापू के भतीजे ने बीमार हालत और बूढ़ापे का हवाला देते हुए जमानत की मांग की थी। इससे पहले जोधपुर पेरोल समिति ने आसाराम बापू के पेरोल का आवेदन भी रद्द कर दिया था।
क्या है आसाराम पर आरोप
साल 2013 में शाहजहांपुर की 16 वर्षीय लड़की ने आसाराम पर उनके जोधपुर आश्रम में बलात्कार किए जाने का आरोप लगाया था। यह मामला दिल्ली के कमला मार्केट थाने में दर्ज कराया गया था, जिसे बाद में जोधपुर स्थानांतरित कर दिया गया।
आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 को गिरफ्तार किया था और तब से वह जेल में बंद हैं। आसाराम को सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान और गुजरात में दर्ज मामलों में जमानत देने से इनकार कर दिया था। सूरत में भी दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं पर बंधक बनाने और रेप का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था।
मामले में जोधपुर कोर्ट ने आसाराम बापू को नाबालिग लड़की से रेप का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। आसाराम के अलावा दो अन्य आरोपियों को 20-20 साल जेल की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही कोर्ट ने सभी दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।