पटना में बीपीएससी कर्मी ने नाबालिग के साथ रेप, गर्भवती होने पर खुलासा, डीएनए जांच के लिए लिखा पत्र
By एस पी सिन्हा | Updated: June 8, 2021 17:17 IST2021-06-08T17:16:36+5:302021-06-08T17:17:54+5:30
पिता ने आनन-फानन में उसे मेडिकल जांच के लिए अस्पताल में भर्ती कराया तो पता चला कि उसकी बेटी साढे़ 5 महीने की गर्भवती है.

महिला थाने पहुंचकर आरोपित के खिलाफ पॉक्सो, एससी/एसटी एक्ट और रेप की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई है.
पटनाः बिहार की राजधानी पटना में एक नाबालिग के साथ पिछले छह-सात महीने से दुष्कर्म किये जाने का मामला सामने आया है.
यहां एक बीपीएससी कर्मी के द्वारा नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया जा रहा था. लेकिन मामले का खुलासा तब हुआ जब पीड़िता की तबीयत अचानक से बिगड़ने लगी. पिता ने आनन-फानन में उसे मेडिकल जांच के लिए अस्पताल में भर्ती कराया तो पता चला कि उसकी बेटी साढे़ 5 महीने की गर्भवती है. इसके बाद पीड़िता ने अपने माता-पिता को पूरी बात बताई.
प्राप्त जानकारी के अनुसार सचिवालय थाना क्षेत्र के बीपीएससी में काम करनेवाला एक कर्मी नाबालिग से दुष्कर्म कर रहा था. जब नाबालिग की तबियत खराब होने लगी तो उसके पिता ने उसका मेडिकल जांच कराया. बताया जा रहा है कि 25 वर्षीय आरोपी सूरज कुमार बीपीएससी कार्यालय में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के रूप में काम कर रहा था.
पीड़िता ने बताया कि पिछले साल 16 दिसंबर की रात उसके घर पर कोई नहीं था. मां गांव गई हुई थी. शाम के समय जबर्दस्ती सूरज कुमार उसको अपने घर में लेकर चला गया और मुंह हाथ बांधकर गलत काम किया. दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने के बाद उसने उसे जान से मारने की धमकी दी और मुंह बंद रखने की हिदायत दी. इसके बाद से वह धमकी देकर लगातार उसके साथद दुष्कर्म करता रहा.
अभी कुछ दिनों पहले जब पीड़िता के शरीर में बदलाव दिखने लगा तो सूरज ने उसके घर की तरफ आना जाना छोड़ दिया. जब उसकी तबियत खराब हुई तो इस मामले का खुलासा हुआ. इसके बाद परिजन महिला थाने पहुंचकर आरोपित के खिलाफ पॉक्सो, एससी/एसटी एक्ट और रेप की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस तुरंत एक्शन में आई और सचिवालय के क्वार्टर में छापेमारी कर आरोपित बीपीएससी कर्मी सन्नी उर्फ सूरज कुमार को गिरफ्तार कर लिया. थानाध्यक्ष अंचला ने बताया कि पीड़िता का मेडिकल जांच करा दिया गया है. वह साढे़ 5 महीने की गर्भवती है. पीड़िता के पेट में पल रहे बच्चे की डीएनए जांच के लिए पत्र लिखा गया है. उसका डीएनए जांच कराया जायेगा.