Nirbhaya Case: अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाने के बाद भी नहीं बच सका दोषी विनय शर्मा, जानें उसके बारे में सबकुछ

By अनुराग आनंद | Published: March 20, 2020 05:38 AM2020-03-20T05:38:06+5:302020-03-20T05:38:06+5:30

चार में से एक दोषी विनय का परिवार दक्षिण दिल्ली के रविदास कैम्प वाले क्षेत्र में रहता है। आपको बता दें कि तंग गलियों, जर्जर झुग्गियों तथा खुले सीवर के बीच यह मलिन कॉलोनी अपराध के छह दोषियों में से चार का घर है।

Nirbhaya case: convict Vinay Sharma could not escape even after knocking on the door of international court, know everything about him | Nirbhaya Case: अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाने के बाद भी नहीं बच सका दोषी विनय शर्मा, जानें उसके बारे में सबकुछ

विनय शर्मा (फाइल फोटो)

Highlightsनिर्भया मामले में फांसी दिए जाने की सभी कानूनी प्रक्रिया को गुरुवार को ही पूरा कर लिया गया, इसके बाद आज फांसी दी गई। जेल के अधिकारियों ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा को बताया था कि सीसीटीवी फुटेज से साबित हुआ है कि दोषी विनय कुमार शर्मा ने अपने चेहरे को खुद ही जख्मी कर लिया।

नई दिल्ली:निर्भया केस मामले में आज सुबह साढ़े 5 बजे चार दोषियों को फांसी दी गई। इन चार दोषियों में से एक विनय शर्मा भी है। विनय शर्मा ने फांसी से बचने के लिए अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) का भी दरवाजा खटखटाया था। इस मामले में दोषियों के वकील एपी सिंह ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय अदालत को पत्र लिखकर फांसी की सजा रोकने की अपील की थी।

निर्भया मामले में फांसी दिए जाने की सभी कानूनी प्रक्रिया को गुरुवार को ही पूरा कर लिया गया, इसके बाद आज फांसी दी गई।  ऐसे में आइये जानते हैं दोषी के विनय के बारे में सबकुछ-

 
कहां रहता है दोषी विनय का परिवार- 
चार में से एक दोषी विनय का परिवार दक्षिण दिल्ली के रविदास कैम्प वाले क्षेत्र में रहता है। आपको बता दें कि तंग गलियों, जर्जर झुग्गियों तथा खुले सीवर के बीच यह मलिन कॉलोनी अपराध के छह दोषियों में से चार का घर है। और इन्हीं तंग गलियों में कहीं अंदर जाकर विनय शर्मा का घर है। घर की नेमप्लेट पर हरी राम शर्मा का नाम लिखा है। उसके परिवार के लोग इन्हीं झुग्गी में रहते हैं। उसकी मां का उम्र करीब 50 साल है। विनय की मां ने अपने बेटे को बचाने के लिए आखिरी तक उम्मीद नहीं छोड़ी।  

विनय को फांसी दिए जाने से पहले उसकी मां ने क्या कहा-

पीटीआई ने गुरुवार को जब विनय की मां से संपर्क किया तो 50 साल की विनय की वृद्धा मां ने कहा, ‘‘क्या लिखोगे तुम? कुछ होता है तुम्हारे लिखने से? क्या अभी तक तुम्हारे लिखने से कुछ हुआ? अगर भगवान चाहेगा तो वह बच जाएगा।’’ उसने कहा, ‘‘सब भगवान की मर्जी है। कोरोना वायरस को देखो। भगवान है जो हर चीज तय करता है कि कौन जीएगा और कौन मरेगा। इंसान के वश की बात नहीं है। न आप और न ही उनके।’’ महिला ने पूछा, ‘‘तिहाड़ में जेल कर्मियों ने कभी मुझे खाना या कुछ और नहीं ले जाने दिया। लेकिन अगर वे अनुमति देंगे तो मैं उसके लिए कुछ ‘पूड़ी, सब्जी और कचौड़ी’ ले जाना चाहूंगी।’’

फांसी से बचने के लिए विनय ने खुद को बताया था मानसिक रोगी-
जेल के अधिकारियों ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा को बताया था कि सीसीटीवी फुटेज से साबित हुआ है कि दोषी विनय कुमार शर्मा ने अपने चेहरे को खुद ही जख्मी कर लिया और वह किसी मनोवैज्ञानिक विकार से ग्रस्त नहीं है। अदालत ने विनय की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया और जल्द ही फैसला सुनाए जाने की संभावना है। विनय ने मानसिक बीमारी के आधार पर राहत का अनुरोध किया था।

तिहाड़ प्रशासन ने कही थी ये बात...
जेल प्रशासन की ओर से पेश लोक अभियोजक ने कहा, ‘ये सभी (दोषी के दावे) तोड़े मरोड़े गए तथ्यों का पुलिंदा है। डॉक्टर ने उसकी जांच की थी और जख्म के निशान मिले थे। उन्होंने उसे दवा दी। सभी जख्म उसने खुद ही बनाए हैं और ये दिखावटी हैं।’ उन्होंने कहा, ‘चिकित्सा रिकार्ड कहते हैं कि वह किसी तरह की भी मानसिक बीमारी से ग्रस्त नहीं है और किसी अस्पताल में उसकी जांच कराने की कोई जरूरत नहीं है। जेल के डॉक्टर नियमित तौर पर उसकी जांच कर रहे हैं।’जेल की तरफ से पेश मनोचिकित्सक ने कहा कि रोजाना आधार पर सभी चारों दोषियों की चिकित्सा जांच की गयी और सभी ठीक हैं।
 

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