झारखंड: खूंटी में नक्सलियों ने मचाया उत्पात, ट्रेलर में आग लगाकर ड्राइवर को जिंदा जलाया
By एस पी सिन्हा | Published: August 3, 2018 08:33 PM2018-08-03T20:33:51+5:302018-08-03T20:52:33+5:30
माओवादी ने झारखंड में टेलर को रोका और ड्राइवर को उतारकर पहले उसे गोली मारी फिर टेलर में डालकर आग लगा दिया।
रांची, 3 अगस्त: भाकपा माओवादी के झारखंड-बिहार बंद के झारखंड के खूंटी में नक्सलियों ने दिल-दहला देने वाली घटना को अंजाम दिया है। नक्सलियों ने टेलर को आग के हवाले कर ड्राइवर को जिंदा जला दिया। मृतक ड्राइवर की पहचान योगा सिंह के रूप में हुई है। वह पंजाब का रहने वाला था। प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्रेलर ओडिशा से जमशेदपुर जा रहा था। खूंटी के सैको थाना और हुंठ कैंप के बीच आडा घाटी में नक्सलियों ने टेलर को रोका और आग लगा दी। इससे ड्राइवर जिंदा जल गया।
घटना की सूचना मिलते ही खूंटी एसपी अश्विनी सिंह दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। मामले की छानबीन चल रही है। एसपी ने फिलहाल कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। ग्रामीणों के मुताबिक दस से पंद्रह की संख्या में नक्सली आए। टेलर को रोका और ड्राइवर को उतारकर पहले उसे गोली मारी फिर टेलर में डालकर आग लगा दिया। घटना के बाद कोडापूर्ति गांव के इलाके में दहशत फैल गई है। वहीं, एसपी के द्वारा दावा किया गया था कि बंद के मद्देनजर जिले में सुरक्षा के कडे इंतजाम किए गये हैं। हाइवे पर गश्ती दल की तैनाती है। बावजूद इसके नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम दे दिया। नक्सलियों ने शुक्रवार को बिहार-झारखंड बंद बुलाया है। बंद के दौरान ये उत्पात मचाया गया है। घटना आज पौने बारह बजे के करीब खूंटी-तमाड रोड पर घटी है।
बताया जा रहा है कि योगा सिंह ट्रेलर लेकर राउरकेला से टाटानगर जा रहा था। इसी दौरान बंद समर्थकों ने ट्रेलर में आग लगा दी। चालक को वाहन से बाहर आने का भी मौका नहीं मिला और उसकी मृत्यु हो गई। नक्सलियों के सफाये के लिए पुलिस द्वारा शुरू किये गये ‘ऑपरेशन ऑलआउट’ के विरोध में भाकपा माओवादियों का बंद का मिला-जुला असर देखा गया। कुछ जगहों में बंद असरदार रहा तो बाकी जिलों में बंद पूरी तरह विफल रहा। उग्रवाद प्रभावित जिला खूंटी में माओवादियों के बंद की वजह से जिला मुख्यालय से प्रखंड तक सन्नाटा पसरा रहा।
लंबी दूरी के वाहन सड़कों से नदारद रहे। बाजार भी बंद रहे। लोहरदगा में बंद का आंशिक असर देखा गया। लंबी दूरी के वाहन यहां भी नहीं चले। यहां तक कि बॉक्साइट खदानों में चलने वाले ट्रक भी सडक पर नहीं देखे गये। बाकी दिनचर्या सामान्य रही। बंदी की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पडा। लंबी दूरियों के वाहनों का परिचालन पूरी तरह से बंद रहा।