नंदुरबारः बेटी का शव 44 दिन तक नमक के गड्ढे में रखा पिता ने, जानें क्यों नहीं किया अंतिम संस्कार, क्या है पूरा माजरा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 17, 2022 02:05 PM2022-09-17T14:05:45+5:302022-09-17T14:06:47+5:30

पिता ने आरोप लगाया है कि उसकी बेटी की मौत से पहले उसका बलात्कार किया गया गया था और उसने मांग की थी कि उसकी बेटी के शव का दूसरा पोस्टमार्टम कराया जाए, ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके।

Nandurbar father kept daughter's body salt pit 44 days know why last rites not performed Maharashtra police case | नंदुरबारः बेटी का शव 44 दिन तक नमक के गड्ढे में रखा पिता ने, जानें क्यों नहीं किया अंतिम संस्कार, क्या है पूरा माजरा

पिता ने दावा किया था कि उसके साथ चार पुरुषों ने बलात्कार किया था।

Highlightsपोस्टमॉर्टम मुंबई के एक अस्पताल में किया गया और उसके नतीजों की प्रतीक्षा की जा रही है। 21 वर्षीय महिला एक अगस्त को नंदुरबार के धड़गांव तालुका के वावी में फांसी पर लटकी मिली थी। पिता ने दावा किया था कि उसके साथ चार पुरुषों ने बलात्कार किया था।

मुंबईः महाराष्ट्र के नंदुरबार में जनजातीय समुदाय के एक व्यक्ति ने अपनी बेटी का शव संरक्षित रखने के लिए 44 दिन तक उसे नमक के गड्ढे में रखा, ताकि वह उसका दूसरा पोस्टमार्टम करा सके। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है।

पिता ने आरोप लगाया है कि उसकी बेटी की मौत से पहले उसका बलात्कार किया गया गया था और उसने मांग की थी कि उसकी बेटी के शव का दूसरा पोस्टमार्टम कराया जाए, ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके। दूसरा पोस्टमॉर्टम मुंबई के एक अस्पताल में किया गया और उसके नतीजों की प्रतीक्षा की जा रही है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 21 वर्षीय महिला एक अगस्त को नंदुरबार के धड़गांव तालुका के वावी में फांसी पर लटकी मिली थी। हालांकि, उसके पिता ने दावा किया था कि उसके साथ चार पुरुषों ने बलात्कार किया था। एक अधिकारी ने बताया कि नंदुरबार जिले से 21 वर्षीय महिला का शव बृहस्पतिवार को मुंबई के सरकारी जे जे अस्पताल लाया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘शुक्रवार तड़के यहां जेजे अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया। निर्णय सुरक्षित रखा गया है और विसरा (बड़े आंतरिक अंगों) को संरक्षित किया गया है। शव परिजनों को सौंप दिया गया है और नंदुरबार के धड़गांव थाने को रिपोर्ट दी गई है।’’

पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिला की मौत के बाद नंदुरबार के एक सरकारी अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम कराया गया था और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कोई षड्यंत्र होने की बात सामने नहीं आने पर आत्महत्या का मामला दर्ज किया गया था।

उन्होंने कहा कि हालांकि, महिला के पिता और अन्य रिश्तेदारों ने जांच में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए शव का अंतिम संस्कार करने की बजाय उसे सुरक्षित रख लिया था। उन्होंने बताया कि परिवार ने धड़गांव नगर स्थित अपने गांव में नमक से भरे गड्ढे में शव को दफनाया, क्योंकि वे शव का दूसरा पोस्टमार्टम कराना चाहते थे, ताकि महिला की मौत का सच पता चल सके।

सीआरपीसी (आपराधिक प्रक्रिया संहिता) की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष उसके पिता के बयान के आधार पर, नंदुरबार पुलिस ने बुधवार को 302 (हत्या) और 376 (बलात्कार की सजा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

पुलिस ने कहा कि उन्हें पीड़ित महिला की उसके रिश्तेदार के साथ मोबाइल फोन पर हुई बातचीत के बारे में पता चला है, जो स्थानीय आदिवासी भाषा में है। उन्होंने बताया कि महिला ने अपने रिश्तेदार को बताया था कि मुख्य आरोपी और उसके दोस्तों ने उसके साथ मारपीट की थी और वह अब और नहीं जीना चाहती थी। अधिकारी ने बताया कि बाद में महिला ने आत्महत्या कर ली।

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