नागपुर पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार का फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर धोखाधड़ी करने वाली राजस्थान साइबर अपराधियों की टोली पुलिस के हत्थे चढ़ी, तीन सदस्य गिरफ्तार और 24000 की ठगी
By फहीम ख़ान | Published: September 8, 2023 08:54 PM2023-09-08T20:54:21+5:302023-09-08T20:55:52+5:30
गिरफ्तार आरोपी सुरेंद्र प्रीतम सिंह (28) तौफिक खान फतेह नसीब खान (25) और संपतराम श्रीबंशीलाल प्रजापत (33) अलवर, राजस्थान है. आरोपियों का सूत्रधार अश्विन नमक साइबर अपराधी है.
नागपुरः नागपुर के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार का फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर धोखाधड़ी करने वाली राजस्थान के साइबर अपराधियों की टोली पुलिस के हत्थे चढ़ी है. सायबर सेल ने इस टोली के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है टोली का सूत्रधार अन्य साथियों सहित फरार हो गया है.
गिरफ्तार आरोपी सुरेंद्र प्रीतम सिंह (28) तौफिक खान फतेह नसीब खान (25) और संपतराम श्रीबंशीलाल प्रजापत (33) अलवर, राजस्थान है. आरोपियों का सूत्रधार अश्विन नमक साइबर अपराधी है. यह टोली विख्यात और प्रभावशाली लोगों के फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर ठगी करती है. इस टोली ने अब तक कई प्रतिष्ठित लोगों को अपना शिकार बनाया है.
ताजा प्रकरण में नागपुर पुलिस आयुक्त कार्यालय के सेवानिवृत्ति मुख्य लिपिक विनोद कडू शिकार हुए है. 2 सितंबर को कडू को पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार के फर्जी फेसबुक अकाउंट से फेसबुक रिक्वेस्ट आई. उसने कडू को बताया कि, उनका संतोष कुमार नामक मित्र सीआरपीएफ अफसर है उसका जम्मू में ट्रांसफर हुआ है.
उसे अपना फर्नीचर बेचना है तुम्हें जरुरत हो तो खरीद लो. फेसबुक के प्रोफाइल पर अमितेश कुमार का फोटा लगा था. उनकी व्यक्तिगत जानकारी भी दर्ज थी. कडू ने फर्जी फेसबुक को सही मानकर हामी भर दी. इसके बाद कथित सीआरपीएफ अफसर संतोष कुमार का कडू को फोन आया. उसने खुद को पुलिस आयुक्त का मित्र बताते हुए उसने कडूू को फ्रीज, एसी तथा वाशिंग मशीन बेचने की बात कही.
कथित संतोष कुमार 24 हजार में कडू को सामान बेचने के लिए तैयार हो गया. उसने सामान वाहन में लोड करने के फोटो भी कडू को भेज दिए. आरोपी के बताए अनुसार कडू ने 24 हजार रुपए ऑनलाइन भेज दिए. इसके बाद कथित संतोष कुमार ने व्हीकल अलाउंस के तौर पर 21 हजार रुपए भेजने को कहा.
उसने यह राशि बाद में लौटाए जाने का बताया. उसकी बात सुनकर कडू को संदेह हुआ. उसने पुलिस आयुक्त को घटना की जानकारी दी. इसके बाद सायबर सेल में शिकायत दर्ज कराई गई. इसके पहले दो दफा बनाए गए पुलिस आयुक्त के फर्जी फेसबुक अकाउंट से कोई ठगी का शिकार नहीं हुआ था.
कडू की घटना से सायबर पुलिस तत्काल हरकत में आ गई. उसने बैंक खातों के आधार पर एक टीम अल्वर भेजी. उसने सुरेंद्र और तीफिस को हिरासत में लिया. उन्होंने संपतराम के कहने पर काम करने की जानकारी दी है. जिसके बाद संपतराम को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
तीन बार शिकार हुए हैं नागपुर के सीपी
बीते दो साल की अवधि में तीन बार नागपुर पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार के नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाए गए हैं. बीते 15 दिनों में दो फर्जी फेसबुक अकाउंट बने है. दो साल पहले बनाए गए अकाउंट में सायबर सेल ने मामला भी दर्ज किया था. लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई.
इस वजह से साइबर अपराधियों की हिम्मत बढ़ गई. साइबर ठगी के अधिकांश मामलों में पुलिस की अमुमन यही भूमिका होती है. ठगी नहीं होने से पीड़ित भी शांत हो जाते है. सीपी जैसे पद पर बैठे अधिकारी का तीसरा अकाउंट बनने के बाद सक्रिय हुई पुलिस के सामने आम नागरिकों की अवस्था का आकलन किया जा सकता है.