नागपुर: इमरजेंसी मेडिकल सर्विस की आड़ में शराब की तस्करी करनेवाले मेडिकल स्टोर्स संचालक को इंजीनियर सहित तीन साथियों के साथ रंगेहाथ पकड़ा गया है. पुलिस ने इस गिरोह से नकदी तथा शराब सहित 12 लाख रुपए का माल बरामद किया है. यह टोली लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही उमरेड से शराब लाकर गोलीबार चौक पर बेच रही थी.
आरोपी राहुल हरीशचंद्र सतावर्ते (34) मेहंदीबाग चौक, वैशाली नगर, कल्पेश भीमराज नंदनवार (34), भिसीकर मुहल्ला, इतवारी, गणेश चंद्रकांत सदावर्ते (30) तथा रोशन लक्ष्मीकांत बारापात्रे (29) गोलीबार चौक हैं. टोली के मुखिया राहुल सदावर्ते तथा कल्पेश नंदनवार हैं. राहुल का मेडिकल स्टोर्स है जबकि कल्पेश की स्टेशनरी की दुकान है.
दोनों को शराब के साथ ऐशो-आराम का शौक है. लॉकडाउन के बाद से उन्हें महंगे रेट से शराब खरीदनी पड़ रही थी. शराब की कमी को दूर करके उससे कमाई करने के लिए उन्होंंंने खुद ही तस्करी आरंभ कर दी. उनका एक मित्र उमरेड में रहता है. उसके बार मालिकों से रिश्ते हैं. उसने उन्हें शराब की आपूर्ति करने का वादा किया.
आरोपियोें ने उमरेड से शराब लाने के लिए अनूठी युक्ति अपनाई. उन्हें पता था कि पुलिस एंबुलेंस अथवा इमरजेंसी मेडिकल सर्विस का बोर्ड लगे हुए वाहनों की गहराई से जांच नहीं करती है. उन्होंने लक्जरी वर्ना कार पर 'इमरजेंसी मेडिकल सर्विस' का बोर्ड लगा दिया.
जांच के दौरान पुलिस को चकमा देने के लिए वह कार में सलाइन के बॉक्स ले जाते थे. भिवापुर से लौटते वक्त शराब के बॉक्स को सलाइन के बॉक्स से ढंक देते थे. कार में झांकने पर किसी को भी सलाइन के बॉक्स ही दिखाई देते थे. गोलीबार चौक में शराबियों की भरमार है. इस वजह से आरोपियों को आसानी से ग्राहक भी मिल जाते थे.